खुशखबरी : Gold लोन लेने वालों को भी सरकार देगी पैसा, जानें फायदे की बात
लॉकडाउन में ईएमआई चुकाने वालें ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। बैंकों ने लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान कर्जदारों के खातों में ब्याज पर लगाये गये ब्याज की रकम लौटानी शुरू कर दी है।
नई दिल्ली: लॉकडाउन में ईएमआई चुकाने वालें ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। बैंकों ने लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान कर्जदारों के खातों में ब्याज पर लगाये गये ब्याज की रकम लौटानी शुरू कर दी है। इसके साथ ही इस अवधि में नियमित ईएमआई का भुगतान करने वाले ग्राहकों को भी लाभ दिया जा रहा है। यानी दोनों तरह के ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी है।
गोल्ड लोन लेने वालों को भी मिलेगा कैशबैक
साथ ही गोल्ड लोन लेने वालों को भी सरकार कैशबैक देगी। बैंकों और अन्य ऋण संस्थानों द्वारा उधारकर्ताओं को लौटाए जाने वाले "ब्याज पर ब्याज" पर अतिरिक्त एफएक्यू के अपने नवीनतम दौर में, वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि "उपभोग ऋण, जो संपार्श्विक के रूप में सोने द्वारा समर्थित हैं, वे भी इस योजना के तहत पात्र हैं। बता दें कि मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उधारकर्ताओं की आठ पात्र श्रेणियों में से ज्वाइंट लाइब्लिटी ग्रूप (जेएलसी) द्वारा गारंटीकृत सूक्ष्म ऋण योजना के लिए पात्र होंगे। वहीं इससे पहले, मंगलवार को वित्त मंत्रालय ने अतिरिक्त एफएक्यू जारी किया जिसमें कहा गया था कि इस योजना के तहत व्यक्तियों के वाणिज्यिक वाहन ऑटोमोबाइल ऋण को कवर किया गया है। अक्टूबर में, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के आधार पर, सरकार ने वित्तीय संस्थानों से स्पेशिफाइड लोन में उधारकर्ताओं को छह महीने की अधिस्थगन अवधि (1 मार्च से 31 अगस्त 2020) के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर का पूर्व-भुगतान भुगतान करने के लिए कहा था।
योजना के तहत इन 8 श्रेणियों में को मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत पात्र ऋणों की आठ श्रेणियां हैं एमएसएमई ऋण, शिक्षा ऋण, आवास ऋण, उपभोक्ता टिकाऊ ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटोमोबाइल ऋण, पेशेवरों को व्यक्तिगत ऋण और उपभोग ऋण। इनमें से, केवल स्वीकृत सीमाएँ और बकाया राशि 29 फरवरी 2020 तक 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। इसके अलावा, ऋण 29 फरवरी 2020 तक "मानक" होना चाहिए और तारीख पर गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए। एक ऋण, सामान्य परिस्थितियों में, एक बैंक (या अन्य उधारदाताओं) द्वारा एक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जब एक उधारकर्ता नियत तारीख के बाद 90 दिनों के लिए बकाया चुकाने में विफल रहता है।
किसे मिलेगा रिफंड
मालूम हो कि 2 करोड़ रुपये तक के लोन वाले सभी व्यक्तिगत उधारकर्ता और छोटे कारोबार सरकार की लोन मोरेटोरियम चक्रवृद्धि ब्याज माफी योजना के तहत रिफंड या कैशबैक के लिए पात्र हैं। यहां तक कि वे उधारकर्ता जिन्होंने मोरेटोरियम का ऑप्शन नहीं चुना और उस दौरान भी ईएमआई भरते रहे उन्हें भी कैशबैक दिया जाएगा। जिन लोगों ने समय पर ईएमआई का भुगतान किया उन्हें फरवरी 2020 के अंत पर उनका जितना लोन बकाया था उस हिसाब से उन पर जितना चक्रवृद्धि ब्याज बनता और असल में उन्होंने जितना साधारण ब्याज चुकाया उसकी अंतर राशि मिलेगी।
कितना मिल सकता है कैशबैक
वहीं समय पर ईएमआई भरने वालों को 32 हजार रु तक कैशबैक मिल सकता है। एक वैल्युएशन के मुताबिक जिन लोगों ने 2 करोड़ रुपये के होम लोन पर ईएमआई का सही समय पर भुगतान किया उन्हें लगभग 32,000 रुपये का कैशबैक मिलेगा। ये कैल्कुलेशन 8 फीसदी की अनुमानित ब्याज दर के हिसाब से की गई है। इतनी ब्याज दर पर 8 लाख रुपये का अर्धवार्षिक ब्याज और 32,538 रुपये का चक्रवृद्धि ब्याज हो जाता। यही 32,538 रुपये समय पर बतौर कैशबैक दिए जाएंगे।
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