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Gold Hallmarking : लागू हो गया नया नियम, अब मिलेगा खरा सोना

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नई दिल्ली, जून 15। आज से सोने की ज्वेलरी से जुड़ा एक नया और बहुत अहम नियम लागू हो गया है। ये है गोल्ड हॉलमार्किंग का नियम। सरकार ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम की समयसीमा को 1 जून से बढ़ा कर 15 जून कर दिया था। इसके साथ ही सोने के आभूषण और संबंधित वस्तुओं पर हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है। नए दिशानिर्देशों के अनुसार देश भर के ज्वेलर्स को अब केवल 14, 18 और 22 कैरेट के सोने की चीजें बेचने की अनुमति होगी।

 

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बढ़ गयी हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या

बढ़ गयी हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या

सरकार के अनुसार पिछले पांच वर्षों में हॉलमार्किंग केंद्रों में 25 फीसदी की वृद्धि हुई है। सर्टिफिकेशन सेंटरों की मौजूदा कैपेसिटी के चलते भारत में प्रति वर्ष लगभग 14 करोड़ वस्तुओं को हॉलमार्क करने की क्षमता है। नवंबर 2019 में सरकार ने घोषणा की थी कि 15 जनवरी 2021 से पूरे देश में सोने के आभूषणों और कलाकृतियों (आर्टिफैक्ट्स) की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी जाएगी। लेकिन कोरोनो के कारण इस समयसीमा को दो बार बढ़ाया गया है।

क्या है गोल्ड हॉलमार्किंग
 

क्या है गोल्ड हॉलमार्किंग

गोल्ड हॉलमार्किंग मेटल की शुद्धता का प्रमाणीकरण है। भारत में अभी तक सोने की हॉलमार्किंग स्वैच्छिक थी और जरूरी नहीं है, मगर सरकार के नये कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सोने के उपभोक्ताओं को विक्रेताओं द्वारा धोखा न दिया जाए। नए नियमों के अनुसार, अगर 14, 18, या 22 कैरेट सोने से बने आभूषण या कलाकृति को बीआईएस हॉलमार्क के बिना बेचा जाता है, तो जौहरी को वस्तु की कीमत का पांच गुना जुर्माना या एक साल तक की जेल हो सकती है।

गोल्ड हॉलमार्क अनिवार्य

गोल्ड हॉलमार्क अनिवार्य

आज से सभी ज्वेलर्स के लिए गोल्ड ज्वैलरी पर हॉलमार्क लगाना अनिवार्य हो जाएगा, ताकि गोल्ड खरीदने वाले ग्राहकों को ठगा न जा सके और उन्हें शुद्ध आभूषण मिले। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आभूषण पर हॉलमार्किंग सही है, कैरेट और सुंदरता में शुद्धता, बीआईएस मार्क, पहचान आइडेंटिफिकेशन मार्क या हॉलमार्किंग सेंटर नंबर और आइडेंटिफिकेश मार्क या ज्वेलर के नंबर पर ध्यान देना जरूरी है।

कैसी होती है ज्वेलरी पर मार्किंग

कैसी होती है ज्वेलरी पर मार्किंग

ज्वेलरी की हॉलमार्किंग के लिए ज्वेलर्स को बीआईएस के एएंडएच सेंटर पर आभूषण पेश करते हैं। इसी सेंटर पर ज्वेलरी की क्वालिटी चेक होती है। क्वालिटी चेक होने के बाद बीआईएस की तरफ से ज्वेलरी पर मार्किंग की जाती है। हलमार्किंग से पहले ज्वेलर को बीआईएस के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ज्वेलर्स के लिए बीआईएस के साथ रजिस्ट्रेशन प्रोसेस काफी आसान है।

कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन

कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन

कोई भी ज्वेलर घर बैठे ही बीआईएस के पास रजिस्ट्रेशन करा सकता है। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी तरह ऑनलाइन है। यदि आप एक ज्वेलर हैं और बीआईएस के पास रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो www.manakonline.in पर जाएं और जरूरी दस्तावेजों सहित रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें। इस आसान प्रोसेस के बाद आप बीआईएस के पास रजिस्टर्ड ज्वेलर बन जाएंगे। 5 करोड़ रु टर्नओवर वाले ज्वेलर के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 7500 रु, 5 से 25 करोड़ रु तक टर्नओवर वाले ज्वेलर को 15 हजार रु और 25 से 100 करोड़ रु तक टर्नओवर वाले को 40 हजार रु और इससे अधिक टर्नओवर वाले को 80 हजार रु बतौर फीस देने होंगे।

English summary

Gold Hallmarking New rule has come into force now you will get pure gold

From today, it will be mandatory for all jewelers to affix hallmarks on gold jewelery so that customers buying gold are not cheated and they get pure jewellery.
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