Gold : निवेशकों के आने वाले हैं अच्छे दिन, हो सकता है तगड़ा मुनाफा
नई दिल्ली, जून 27। गोल्ड के निवेशकों के बहुत जल्द अच्छे दिन आ सकते हैं। दरअसल एक वैश्विक कारण से सोने की कीमतों में तेजी आ सकती है। बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और कनाडा ने रविवार को हुए सात नेताओं के समूह (जी7) के शिखर सम्मेलन के दौरान रूस से नए सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करने की योजना बनाई है। इसके बाद आज सोने की कीमतों में तेजी दिख रही है। यदि रूस पर इस तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो भारत में भी सोने की कीमतों मे काफी तेजी आ सकती है, जो मौजूदा गोल्ड निवेशकों के लिए बेहतर होगा।
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क्या है रूस पर प्रतिबंध का मकसद
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार यूके सरकार ने कहा है कि सोने के ट्रेंड में लंदन की केंद्रीय भूमिका के आधार पर इस उपाय (रूस पर प्रतिबंध) का वैश्विक असर होगा और यह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की धन जुटाने की क्षमता पर "भारी प्रभाव" डालेगा। पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस पर प्रतिबंध लगाने के बाद से रूस और लंदन के बीच शिपमेंट लगभग शून्य हो गया है। एक और अहम चीज यह हुई कि लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन ने मार्च में रूसी गोल्ड रिफाइनर को अपनी मान्यता प्राप्त सूची से भी हटा दिया था।
रूस दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड माइनर
बता दें कि रूस दुनिया में गोल्ड का दूसरा सबसे बड़ा माइनर है। दिसंबर 2020 के आंकड़ों के अनुसार पूरी दुनिया में होने वाली कुल गोल्ड माइनिंग में चीन की सबसे अधिक 10.6 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि 9.5 फीसदी के साथ रूस दूसरे नंबर पर है। लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया (9.4 फीसदी), अमेरिका (5.5 फीसदी) और कनाडा (4.9 फीसदी) के भी नाम शामिल हैं।
रूस पर दबाव बनाने की पूरी तैयारी
रूस, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बुलियन खनिक, को दंडित करने के लिए पश्चिमी प्रतिबंधों ने यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों को इसके सोने के लिए बंद कर दिया है। मगर अब जी-7 रूस और दुनिया के शीर्ष दो व्यापारिक केंद्रों, लंदन और न्यूयॉर्क के बीच कुल प्रतिबंध पर काम करेगा। अन्य जी-7 देश जर्मनी, फ्रांस और इटली हैं।
ब्रिटेन ने खूब खरीदा रूस से गोल्ड
लंदन रूसी कीमती धातुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक रहा है। यूएन कॉमट्रेड के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल वहां पहुंचे रूसी सोने में 15 बिलियन डॉलर यूके के सोने के आयात का 28 फीसदी था।
भारत पर क्या होगा असर
विशेषज्ञों ने कहा कि इस प्रतिबंध का असर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सोने के उपभोक्ता भारत पर भी पड़ेगा। इससे भारत के लिए भी प्रीमियम (सामान्य मूल्य से अधिक और अधिक) में वृद्धि होगी। वैकल्पिक रूप से, रूसी गोल्ड बार्स को भारत में तस्करों के माध्यम से आपूर्ति के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। रूस का वार्षिक सोने का उत्पादन 350 से 380 टन है। नया खनन किया गया सोना यूके और स्विटजरलैंड जैसे व्यापारिक केंद्रों के माध्यम से दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए उपलब्ध नहीं होगा। रूस फिर उन बाजारों में आपूर्ति करने के लिए प्रेरित होगा जो इसका सोना स्वीकार करते हैं। यह तुर्की और चीन जैसे बाजारों में प्रीमियम को अधिक बनाए रखेगा।