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Gold : 2020 में मांग रही 11 सालों में सबसे कम, वजह कर देगी हैरान

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नयी दिल्ली। सोने की वैश्विक मांग 2020 में पिछले 11 साल में सबसे कम रही। इसकी बड़ी वजह है कोरोनोवायरस। इस माहामारी ने बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया। निवेशकों ने सोने की भारी स्टॉकिंग की, लेकिन केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदारी और ज्वेलरी बिक्री को कोरोना से तगड़ा झटका लगा। महामारी ने सर्राफा व्यापार के भूगोल को भी बदल दिया। भारी मात्रा में सोना एशिया, जहां सबसे अधिक सोना ज्वेलरी के रूप में बिकता, से यूरोप और अमेरिका में पहुंचा, जहां निवेशक प्रमुख उपभोक्ता होते हैं। 2020 में सोने की कीमतों में 25 फीसदी की बढ़ोतरी भी देखी गयी। असल में सोने में निवेश बढ़ा और ज्वेलरी मार्केट की तुलना में निवेशकों का कीमतों पर अधिक प्रभाव होता है।

कितनी घटी सोने की मांग

कितनी घटी सोने की मांग

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की लेटेस्ट तिमाही रिपोर्ट के अनुसार सोने की वैश्विक मांग पिछले साल 3,759.6 टन तक गिर गई, जो 2019 की तुलना में 14 फीसदी कम है। वहीं ये 2009 के बाद पहला साल रहा जब सोने की मांग 4,000 टन से नीचे रही। डब्ल्यूजीसी के अनुसार ये साल सोने की मांग के लिए खत्म भी कमजोर नोट पर हुआ। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सोने की मांग 783.4 टन रही, जो 2019 की समान तिमाही के मुकाबले 28 फीसदी कम रही, जबकि 2008 के बाद से किसी भी तिमाही में ये सोने की मांग का सबसे निचला स्तर रहा।

जम कर हुआ निवेश

जम कर हुआ निवेश

सोने को पैसे के सुरक्षित भंडार के रूप में उपयोग किया जाता है। निवेशक कोरोना जैसे किसी भी संकट के समय सोने में जम कर निवेश करते हैं। पिछले साल निवेशकों ने 1,773.2 टन खरीदा, जो 2019 के मुकाबले 40 फीसदी बढ़त है। वहीं ये किसी भी वर्ष के लिए सबसे अधिक निवेश रिकॉर्ड है। लगभग 1,850 डॉलर प्रति औंस की मौजूदा कीमतों पर इतने सोने कीमत करीब 100 अरब डॉलर का है।

ईटीएफ में निवेशकों की रुचि

ईटीएफ में निवेशकों की रुचि

पिछले साल निवेशकों ने एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में काफी रुचि दिखाई। ईटीएफ में रिकॉर्ड 877.1 टन का इजाफा हुआ, लेकिन साल के अंत में इसमें उलटफेर हुआ। निवेशकों ने उन संपत्तियों का रुख किया, जिन्हें आर्थिक विकास से लाभ मिलता है। ये इस बात की तरफ इशारा है कि निवेशकों को भी अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की उम्मीद होने लगी थी।

गोल्ड और सिक्कों की मांग बढ़ी

गोल्ड और सिक्कों की मांग बढ़ी

छोटे खुदरा निवेशकों द्वारा खरीदे जाने वाले गोल्ड बार और सिक्कों की मांग में साल के अंत में तेजी आयी। 2019 के मुकाबले ये वार्षिक खरीद 3 फीसदी बढ़ कर 896.1 टन तक पहुंच गई। ज्वैलर्स द्वारा सोने की खपत (आमतौर पर मांग का सबसे बड़ा स्रोत, जिसमें चीन और भारत आगे रहते हैं) कोरोनावायरस लॉकडाउन के बाद 1,411.6 टन तक गिर गई। जबकि उच्च कीमतों ने भी खरीदारों को रोक दिया। डब्ल्यूजीसी के अनुसार 2019 की तुलना ज्वैलर्स द्वारा सोने की खपत 34 फीसदी घटी।

केंद्रीय बैंकों ने कितना सोना खरीदा

केंद्रीय बैंकों ने कितना सोना खरीदा

केंद्रीय बैंकों ने 2020 में 273 टन सोना खरीदा, जो 2019 के मुकाबले 59% कम है। वर्ष की दूसरी छमाही में खरीदारी में तेज गिरावट आई। डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक सोने की सप्लाई 4 फीसदी गिर कर 4,633 टन रह गई। इसकी वजह कोरोना के कारण माइनिंग का प्रभावित होना है।

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English summary

Gold demand in 2020 is the lowest in 11 years the reason will surprise

2020 also saw a 25 per cent rise in gold prices. Actually, investment in gold increased and investors have more influence on prices than in the jewelery market.
Story first published: Thursday, January 28, 2021, 17:51 [IST]
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