Gas Cylinder : ऐसे चेक करें एक्सपायरी डेट, वरना हो सकता है नुकसान
नई दिल्ली, अक्टूबर 15। एलपीजी सिलेंडर घरों की रसोई में एक बेहद जरूरी चीज है। ये हर घर में मिलेगा। बाजार में आसानी से उपलब्ध होने वाले एलपीजी सिलेंडर को रीफ्यूलिंग के बाद इस्तेमाल किया जाता है। सरकार सब्सिडी वाले सिलेंडर यूजर्स को देती है। इसी तरह एक सिलेंडर कई साल तक इस्तेमाल होता रहता है। लेकिन एक सिलेंडर हमेशा इस्तेमाल नहीं हो सकता है। क्योंकि घरों में जिस एलपीजी सिलेंडर का उपयोग किया जाता है, उसकी एक एक्सपायरी डेट होती है। अधिकतर लोग इससे अनजान होते हैं। जानते हैं कि एक्यपायरी डेट कैसे चेक की जाती है और ये क्यों जरूरी होती है।
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क्या हो सकता है नुकसान
एलपीजी सिलेंडर की एक्सपायरी डेट के बाद उसे उपयोग करने से रिसाव यानी लीकेज हो सकता है, जिससे उसके फटने का खतरा होता है। एक बार जब सिलेंडर की एक्सपायरी डेट निकल जाए, तो उसे इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए। लेकिन ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है कि सिलेंडर की एक्सपायरी कैसे चेक करें। एक्सपायरी को चेक करना बहुत ही सरल और आसान है।
कहां लिखी होती है एक्सपायरी
एलपीजी सिलेंडर की एक्सपायरी मेटल की पट्टियों में से एक पर देखी जा सकती है जो सिलेंडर बोटल को टॉप रिंग (हैंडल) से जोड़ती है। डेट को पट्टी के भीतरी भाग पर लिखा गया होता है। पट्टी पर इंग्लिश में ए से डी तक के किसी भी अक्षर को एक संख्या के साथ लिखा गया होता है। समाप्ति तिथि को डिकोड करना आसान है। वर्णमाला एक्सपायरी के महीने को बताती है। जबकि संख्या एक्सपायरी के वर्ष को बताती है।
ऐसे जानें एक्सपायरी का महीना
ए - जनवरी से मार्च
बी - अप्रैल से जून
सी - जुलाई से सितंबर
डी - अक्टूबर से दिसंबर
उदाहरण से समझें
उदाहरण के लिए, आपके सिलेंडर में धातु की पट्टी पर 'ए 18' लिखा हुआ है। अक्षर ए जनवरी-मार्च (अधिकतम मार्च) महीने को बताता है और 18 वर्ष 2018 को इंगित करता है। इसलिए जिस सिलेंडर पर ए 18 लिखा हुआ है, उसका मतलब है कि यह मार्च 2018 को एक्यपायर हो जाएगा। हालांकि सिलेंडर के रूप में एक्सपायरी के बाद तीन से चार महीने की सीमित छूट अवधि होती है। इसे फौरन चलन से बाहर नहीं किया जा सकता है। मगर आपक सावधानी बरतनी होगी।
होती है टेस्टिंग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गैस सिलिंडर को इस्तेमाल करने की तय समय सीमा होती है। इस समय सीमा के बाद सिलेंडर की टेस्टिंग करानी होती है। टेस्टिंग में अगर सिलेंडर उपयोग के लायक न निकले तो आगे से उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। हर नये सिलेंडर की टेस्टिंग 10 से 15 साल में करानी जरूरी है। वहीं पुराने सिलेंडरों की टेस्टिंग हर पांच साल में ही होती है। सिलेंडर की ये टेस्टिंग गैस सिलेंडर प्लांट में होती है। अकसर लोग सालों तक सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं करते। मगर इस तरह के सिलेंडर की जांच बहुत जरूरी है। वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती है। एक और जरूरी बात कि यदि आपकी मौजूदा गैस एजेंसी सिलेंडर की डिलीवर में देरी करे तो आप आसानी से दूसरी एजेंसी में अपना ट्रांसफर हो सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले आपको सिर्फ एक बार ये सुविधा दी जाएगी। इसके बाद फिर आप एक कंपनी की दूसरी एजेंसी में अपना कनेक्शन करवा सकेंगे।