Future Retail हुई दिवालिया, प्रक्रिया हुई शुरू
नई दिल्ली, जुलाई 20। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई ब्रांच ने किशोर बियानी समूह की कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दी है। इस साल के अप्रैल में, बैंक ऑफ इंडिया ने एनसीएलटी से फ्यूचर ग्रुप पर दिवाला समाधान कार्यवाई शुरू करने की मांग की थी। फ्यूचर ग्रुप बैंक ऑफ इंडिया का लोन नहीं भर पाया है, इसलिए बैंक ने अदालत का रुख किया था। विजय कुमार अय्यर को कंपनी का अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया गया है।
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अमेजन की रिव्यू पिटीशन खारिज
एनसीएलटी ने अमेजन इंडिया की इंटरफेयर पिटिशन को भी खारिज कर दिया है। एफआरएल ने अनुबंध में कथित उल्लंघन को नोटीस करते हुए केस को सिंगापुर के इमरजेंसी मध्यस्थ बॉडी को ट्रांसफर कर दिया था। अमेजन का कहना है कि कोर्ट ने मध्यस्थता की रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया है, कोर्ट को रिपोर्ट एक बार और देखनी चाहिए।
केस का अमेजन से कोई लेना देना नहीं है
बैंक ऑफ इंडिया ने कोर्ट में साफ कहा था कि फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ याचिका से अमेजन का कोई लेना देना नहीं है। बैंक ने कहा कि यह कर्ज से संबंधित याचिका है, इसका किसी कंपनी के बिकने के प्रक्रिया से कोई लेना देना नहीं है, कोर्ट ने तर्क दिया था कि फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ उनकी कार्यवाही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार है। बैंक ने फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही कर्ज नहीं भरने के बाद की थी।
अमेजन के साथ तकरार से कर्ज नहीं भर पाया फ्यूचर ग्रुप
अमेज़न और रिलायंस संबंधित मुद्दों के साथ चल रहे मुकदमों के बीच फ्यूचर ग्रुप अपने ऋणदाताओं को 5,322.32 करोड़ रुपये के भुगतान नहीं कर पाया है। फ्यूचर ग्रुप का रिलायंस के साथ प्रस्तावित सौदा भी पूरा नहीं हो पाया है, अमेजन ने इसी सौदे का विरोध किया था।
मार्च में बैंक ऑफ इंडिया ने मुकदमा दायर किया था
मार्च में, बैंक ऑफ इंडिया ने एक सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से फ्यूचर ग्रुप की संपत्ति पर अपना दावा किया था। बैंक का आरोप था कि किशोर बियाणी की कंपनी ने बैंक का कर्ज नहीं भरा है। बैंक ने कोर्ट से कंपनी को दिवालिया घोषित करने की अपील की गई थी।