1 अप्रैल से बैंकों के Auto Debit और ECS Payment में आएगी दिक्कत, जानिए पूरा मामला
नयी दिल्ली। आज के डिजिटल समय में लोग अपने मोबाइल और यूटिलिटी बिल की पेमेंट ऑटो-डेबिट के जरिए करते हैं। मगर ऐसे लोगों के सामने 1 अप्रैल से दिक्कत आ सकती है। 1 अप्रैल से ऑटो-डेबिट पेमेंट करने में दिक्कतें आ सकती हैं। असल में आरबीआई ने एक खास नियम की डेडलाइन 31 मार्च तय की थी। ये नियम है डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए रेकरिंग पेमेंट्स के लिए एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एएफए) को लागू करना। गौरतलब है कि ज्यादातर बैंकों ने रजिस्ट्रेशन, मोडीफिकेशन, ट्रैकिंग और ई-मैनडेट्स के विड्रॉल नियमों को पूरा करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए। इसी को देखते हुए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि 1 अप्रैल 2021 से इन बैंकिंग सर्विसेज को इस्तेमाल करने वालों के ई-मेंडेट विफल होंगे।
क्या ऑटो-डेबिट पेमेंट्स
आरबीआई ने बैंकों से कहा था कि ग्राहकों को क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए ई-मैंडेट सुविधा दी जाए। मगर ये सर्विस छोटी राशि की लेन-देन के लिए थी। वैसे ई-मैंडेट सभी पेमेंट ऑप्शन के लिए है। मगर आरबीआई के नियमों के अनुसार डेबिट और क्रेडिट कार्डधारकों को ऐसी ट्रांजेक्शन के लिए बैंकों की तरफ से ई-मेंडेट (मंजूरी) देनी जरूरी है।
कहां-कहां पड़ेगा असर
यदि ऑटो-डेबिट पेमेंट्स सर्विस में दिक्कत आई तो 2000 करोड़ रु की लेन-देन अटक सकती है। जिन-जिन सेवाओं के लिए पेमेंट प्रभावित हो सकती है उनमें आपके कार्ड, यूटीलिटी बिल, ओटीटी आदि जैसी चीजें सामिल हैं। स्थिति यह है कि एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई सहित कई अन्य बैंकों ने अपने ग्राहकों से पेमेंट के अन्य रास्ते अपनाने को कहा है। इन बैकों ने रेकरिंग पेमेंट्स पर निर्देशों को लागू करने में असमर्थता जताई है।
इस सर्विस में भी आ सकती है रुकावट
अनचाहे और फ्रॉड एसएमएस से ग्राहकों को बचाने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कमर्शियल एसएमएस पर रोक लगाने की प्रोसेस शुरू की है। इस प्रोसेस के तहत कंपनियों को ग्राहकों तक एक्सेस के लिए ट्राई के साथ एक फॉर्मेट में एसएमएस रजिस्टर करने के लिए कहा गया है। इससे ग्राहकों को सही मैसेज भेजना और उन्हें किसी भी धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाने का उद्देश्य है। मगर कई कंपनियों ने इस मामले में जरूरी कदम नहीं उठाए हैं।
कौन-कौन से बैंक शामिल
ट्राई ने 40 ऐसी कंपनियों की सूची जारी की है, जिन्होंने नियम का पालन करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए। इनमें एचडीएफसी बैंक, एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक सहित कई बैंक शामिल हैं। ये सभी कंपनियां औक बैंक ट्राई की बार-बार की चेतावनी के बाद भी बल्क कमर्शियल एसएमएस नियमों का पालन नहीं कर रही हैं।
नॉन-होम ब्रांच से पैसा निकालने और जमा कराने पर लगता है चार्ज, जानिए कितना