राहत : ब्याज पर ब्याज पटाने से मिली मुक्ति, सरकार ने जारी की गाइडलाइन
अगर आपने भी महामारी में लोन मोरेटोरियम लिया है तो यह खबर जरुर पढ़ें। वित्त मंत्रालय ने त्योहारों के मौसम में उपहार देते हुए लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान लोन पर ब्याज छूट को लेकर गाइडलाइंस जारी की है।
नई दिल्ली: अगर आपने भी महामारी में लोन मोरेटोरियम लिया है तो यह खबर जरुर पढ़ें। वित्त मंत्रालय ने त्योहारों के मौसम में उपहार देते हुए लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान लोन पर ब्याज छूट को लेकर गाइडलाइंस जारी की है। जी हां वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 संकट के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से कर्ज चुकाने को लेकर दी गई मोहलत से जुड़े ब्याज से छूट देने को लेकर दिशानिर्देश को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज पर छह महीने के लिए दी गई मोहलत के दौरान संचयी ब्याज यानी ब्याज पर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर राशि का भुगतान सरकार करेगी।
जानिए क्या होगी इस लाभ की अवधि
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आरबीआई की तरफ से कर्ज लौटाने को लेकर दी गई मोहलत के तहत 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज छूट योजना को जल्द-से -जल्द लागू करने का निर्देश दिया था। उसके बाद यह दिशानिर्देश आया है। वित्तीय सेवा विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार कर्जदार संबंधित ऋण खाते पर योजना का लाभ ले सकते हैं। यह लाभ एक मार्च, 2020 से 31 अगस्त, 2020 की अवधि के लिये है। इसके अनुसार जिन कर्जदारों के ऊपर 29 फरवरी तक कुल ऋण 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है, वे योजना का लाभ उठाने के लिये पात्र होंगे।
योजना के तहत इन कर्जों पर मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत होम लोन, एजुकेशन लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, वाहन कर्ज, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), टिकाऊ उपभोक्ता सामन के लिये लिया गया कर्ज और खपत के लिये लिया ऋण आएगा। वहीं बैंक और वित्तीय संस्थान पात्र कर्जदारों के लोन खाते में मोहलत अवधि के दौरान ब्याज के ऊपर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर की राशि डालेंगे। यह उन सभी पात्र कर्जदाताओं के लिए है, जिन्होंने आरबीआई द्वारा 27 मार्च, 2020 को घोषित योजना के तहत पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से कर्ज लैटाने को लेकर दी गयी छूट का लाभ उठाया। वित्तीय संस्थान संबंधित कर्जदार के खाते में रकम डालकर उसके भुगतान के लिये केंद्र सरकार से दावा करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार सरकारी खजाने पर इस योजना के क्रियान्वयन में 6,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। मालूम हो कि कोरोना संकट की वजह से बहुत से लोग लोन की ईएमआई चुकाने की स्थिति में नहीं थे। इसे देखते हुए आरबीआई के आदेश पर बैंकों से ईएमआई नहीं चुकाने के लिए पहले तीन महीने की मोहलत दी और बाद में इसे बढ़ाकर 6 महीने कर दिया। लेकिन सबसे बड़ी समस्या मोरेटोरियम के बदले लगने वाले अतिरिक्त चार्ज को लेकर थी। केंद्र की ओर से दी राहत का मतलब ये है कि लोन मोरेटोरियम का लाभ ले रहे लोगों को अब ब्याज पर अतिरिक्त पैसे नहीं देने होंगे।
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