अच्छी खबर : फिच ने रेटिंग को निगेटिव से स्टेबल किया, जानें मतलब
नई दिल्ली, जून 10। फिच रेटिंग्स ने भारत की लॉन्ग टर्म फॉरेन करेंसी इश्यूअर डिफॉल्ट रेटिंग (आईडीआर) पर अपना आउटलुक 'निगेटिव' से 'स्टेबल' कर दिया है। हालांकि फिच रेटिंग्स ने सॉवरेन रेटिंग को 'बीबीबी' पर कायम रखा है। इसके अलावा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट को 8.5 फीसदी से रिवाइज करके 7.8 फीसदी किया है। इसके अलावा फिच रेटिंग्स ने वित्तीय वर्ष 24 से 27 के बीच भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगभग 7 फीसदी का बताया है।
ये है जीडीपी का अनुमान घटाने का कारण
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भारत में ग्रोथ का खतरा कम
फिच रेटिंग्स के अनुसार भारत के लिए उनका आउटलुक रिविजन दर्शाता है कि ग्लोबल कमोडिटी के दाम में उतार-चढ़ाव के बावजूद मीडियम टर्म में ग्रोथ में गिरावट का जोखिम कम है। इसका कारण भारत की तेज इकोनॉमिक रिकवरी और फाइनेंशियल सेक्टर का मजबूत होना है। फिच रेटिंग्स ने कहा है कि भारत की इकोनॉमी में महामारी के झटके के बाद ठोस सुधार देखने को मिला है।
ये है जीडीपी का अनुमान घटाने का कारण
फिच रेटिंग्स ने भारत सरकार के रिफॉर्म एजेंडे, इंफ्रास्ट्रक्चर को आगे बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र के दबाव को कम करने के आधार पर वित्तीय 24 और वित्तीय 27 के बीच 7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। हालांकि चालू वित्तीय वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमार 8.5 फीसदी से घटाकर 7.8 फीसदी कर दिया है। फिच रेटिंग्स ने इसका सबसे बड़ा कारण महंगाई बताया है। रूस औश्र यूक्रेन विवार के कारण ग्लोबल कमोडिटी प्राइस में काफी इजाफा हुआ है, जिसका असर भारत समेत दुनियाभर पर पड़ा है।
जानिए कहां तक जा सकती है रेपो दर
फिच ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 24 तक रेपो रेट बढ़कर 6.15 फीसदी तक हो सकती है। इसकी वजह महंगाई ही रहेगी। मई में जारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) आधारित रिटेल महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 7.79 फीसदी हो गई थी। ऐसे में महंगाई को काबू में रखने के लिए रिजर्व बैंक रेपो रेट में इजाफा कर रहा है। हाल ही में महंगाई से चिंतित आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का और इजाफा किया है, जिससे यह बढ़कर 4.90 फीसदी हो गई है।