Fiscal Deficit : लगातार दूसरे महीने रहा सालाना टार्गेट से अधिक
नयी दिल्ली। अगस्त खत्म होने पर लगातार दूसरे महीने केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा वार्षिक लक्ष्य से ऊपर रहा। इसकी मुख्य वजह रेवन्यू कलेक्शन पर लॉकडाउन का प्रभाव है। नियंत्रक महालेखाकार (सीजीए) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अगस्त के दौरान राजकोषीय घाटा बजट में अनुमानित वार्षिक लक्ष्य का 109.3 प्रतिशत रहा। मूल्य में देखें तो राजकोषीय घाटा 8,70,347 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान बजट अनुमानों (बीई) के 78.7 प्रतिशत रहा था। राजकोषीय घाटा (व्यय और राजस्व के बीच अंतर) ने जुलाई में वार्षिक लक्ष्य को पार कर लिया था।
क्या था सरकार का अनुमान
सरकार ने इस साल फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट में 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटे को 7.96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के 3.5 प्रतिशत के बराबर आंका था। हालांकि, इन आंकड़ों में कोरोनोवायरस महामारी के कारण सामने आए आर्थिक दिक्कतों को देखते हुए काफी बड़ा संशोधन किया जा सकता है। सीजीए के आंकड़ों के अनुसार सरकार की राजस्व प्राप्ति (Revenue Receipts) अप्रैल-अगस्त में 3,70,642 करोड़ रुपये या बीई की 18.3 प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह बीई के 30.7 प्रतिशत पर थी।
कितना रहा टैक्स रेवेन्यू
वहीं वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान सरकार का कर राजस्व (टैक्स रेवेन्यू) 2,84,495 करोड़ रुपये या बीई के 17.4 प्रतिशत रहा। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह बीई का 24.5 प्रतिशत था। इस दौरान सरकार की कुल प्राप्तियां बीई के 16.8 प्रतिशत या 3,77,306 करोड़ रुपये रहीं। बजट में सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 22.45 लाख करोड़ रुपये की कुल प्राप्तियों का अनुमान लगाया था।
कितना रहा सरकारी खर्च
सरकार का कुल खर्च अगस्त अंत में 12,47,653 करोड़ रुपये या बीई का 41 प्रतिशत रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान सरकार का कुल व्यय बीई का 42.2 प्रतिशत था।
सरकार लेगी कर्ज
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कोरोना संकट के बीच अपने खर्च की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में 4.34 लाख करोड़ रुपये उधार लेगी। अप्रैल-सितंबर की पहली छमाही में सरकार ने 7.66 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है और बाकी 4.34 लाख करोड़ रुपये का कर्ज चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान लिया जाएगा। आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए 12 लाख करोड़ रुपये के लोन का टारगेट बरकरार रखे हुए है।
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