Fiscal Deficit : 2020-21 में रहा GDP का 9.3 फीसदी, जानिए पूरे आंकड़े
नई दिल्ली, मई 31। 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा (फिस्कल डेफिसिट) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.3 प्रतिशत रहा। सीजीए डेटा के अनुसार यह संशोधित बजट अनुमान में वित्त मंत्रालय द्वारा अनुमानित 9.5 प्रतिशत से कम रहा। 2020-21 के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय (इनकम और खर्च) के आंकड़ों को पेश करते हुए लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष के अंत में राजस्व घाटा 7.42 प्रतिशत पर रहा। वैल्यू में देखें तो राजकोषीय घाटा 18,21,461 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सरकार ने पहले फरवरी 2020 में पेश किए गए बजट में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 3.5 प्रतिशत आंका था।
बढ़ाया गया अनुमान
सरकार ने 2021-22 के बजट में संशोधित अनुमानों में मार्च में समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के 9.5 प्रतिशत या 18,48,655 करोड़ रुपये के उच्च राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया। राजस्व घाटे के लिए अनुमान कोविड-19 के कारण खर्च में वृद्धि और वित्त वर्ष में राजस्व में गिरावट के चलते बढ़ाया गया। मुख्य रूप से कम राजस्व प्राप्ति के कारण 2019-20 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.6 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
कोर इंडस्ट्रीज के उत्पादन में बढ़ोतरी
अप्रैल के 8 मुख्य क्षेत्रों के उत्पादन आंकड़े भी पेश कर दिए गए हैं। आठ कोर सेक्टरों का उत्पादन अप्रैल में 56 फीसदी बढ़ा। मगर औद्योगिक उत्पादन में 40 फीसदी योगदान देने वाले सूचकांक में 2020-21 में 6.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी। अप्रैल के आंकड़े मोटे तौर पर आधारित प्रभाव के कारण ऊंचे रहे हैं, लेकिन आर्थिक गतिविधियों पर स्थानीय लॉकडाउन का प्रभाव पड़ा है।
Lockdown से मांग और खपत को लगा झटका, पिछले साल से ज्यादा खराब हुई हालत
क्या है आरबीआई रिपोर्ट
आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आर्थिक सुधार प्रक्रिया पर दूसरी लहर के प्रभाव को स्वीकार किया है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने कहा कि प्रभाव पहली लहर की तरह सख्त नहीं हो सकता।