Aarogya Setu App : दे रहा 1 लाख रु जीतने का मौका, जानें तरीका
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस का कहर जारी है। लोग बेरोजगार हो रहे हैं। कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं और सैलेरी में भी कटौती की जी रही है। लोगों के आर्थिक हालात खराब हो रहे हैं। ऐसे में अगर आपको 1 लाख रु का इनाम मिल जाए तो कैसा रहेगा। जी हां अगर आपके पास खास टैलेंट है तो आप 1 लाख रु जीत सकते हैं। ये इनाम आपको कोई और नहीं बल्कि सरकार देगी। हालांकि इसके लिए आपके पास खास कौशल और ज्ञान होना जरूरी है। अगर आप 1 लाख रु पाना चाहते हैं तो अपनी नोलेज का हुनर दिखाइए और इनाम पाइए। आइए अब जानते हैं कि आपको इस इनाम के लिए क्या करना होगा।
आरोग्य सेतु ऐप में ढूंढनी होगी कमी
आपको पता होगा कि सरकार ने कुछ समय पहले आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च की थी। इस ऐप में सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर काफी सवाल खड़े हुए थे। अब सरकार ने इस ऐप को सोर्स कोड को ओपन कर दिया है। साथ ही घोषणा की है कि इस ऐप में कोई गड़बड़ी ढूंढने वाले को 1 लाख रु का इनाम दिया जाएगा। बता दें कि ये ऐप दुनिया में सबसे जल्दी 15 मिलियन यानी 1.5 करोड़ और 100 मिलियन यानी 10 करोड़ डाउनलोड का आंकड़ा छूने वाली ऐप है। आरोग्य सेतु ने सिर्फ 13 दिनों में 1.5 करोड़ और 41 दिनों में 10 करोड़ डाउनलोड का आंकड़ा छू लिया था।
कैसे मिलेगा इनाम
भारतीय राष्ट्रीय सूचना आयोग की महानिदेशक डॉ नीता वर्मा ने एक बिग बाउंटी प्रोग्राम की घोषणा की है, जिसके तहत जो भी इस ऐप में बग (गड़बड़ी) और कोड दोष ढूंढ कर सरकार को इसे सुधारने का तरीका बताएगा उसे 1 लाख रु का नकद इनाम मिलेगा। ध्यान रहे कि ये इनाम सिर्फ एक ही नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति को मिलेगा जो ऐसा कर पाने में सफल होगा। बिग बाउंटी प्रोग्राम का संचालन MyGov द्वारा किया जाएगा। इस बात की जानकारी MyGov के चीफ एक्जेक्यूटिव ने दी है। जहां तक आरोग्य सेतु के सोर्स कोड ओपन करने की बात है तो इसके एंड्रॉइड ऐप का सोर्स कोड आज रात आधी रात के बाद GitHub पर अपलोड किया जाएगा।
तीन अलग-अलग तरह के इनाम
बग बाउंटी प्रोग्राम में तीन अलग-अलग प्रकार के प्राइवेसी बग इनाम होंगे। साथ ही एक कोड सुधार कार्यक्रम भी होगा। ये सब मिला कर 1 लाख रु के इनाम की पेशकश की जाएगी। अभी तक 11.5 करोड़ लोग इस ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं। जैसे ही ये ऐप लॉन्च की गई थी सरकारी अधिकारियों ने इसके बेनेफिट के बारे में बात करना शुरू कर दिया था। वैसे सोर्स कोड ओपन करने के मामले में भारत से पहले कदम सिंगापुर उठा चुका है, जिसने महीनों पहले ही अपने आधिकारिक कोविड-19 संपर्क ट्रेसिंग ऐप को ओपन सोर्स कर दिया है।
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