लॉकडाउन के डर से लोग अपने पास रख रहे ज्यादा नकदी, जानिए आंकड़े
नई दिल्ली, अप्रैल 27। कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे लोगों की नकदी यानी कैश पर निर्भरता बढ़ गयी है। 9 अप्रैल को समाप्त पखवाड़े (2 सप्ताह की अवधि) के दौरान जनता के पास कैश 30,191 करोड़ रुपये बढ़ कर 27,87,941 करोड़ रुपये के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया। 27 फरवरी से 9 अप्रैल के बीच छह सप्ताह की अवधि में जनता के पास कुल कैश में 52,928 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। इस बात का खुलासा आरबीआई के आंकड़ों में हुआ है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि राज्य या केंद्र सरकार की तरफ से लगाए जाने वाले लॉकडाउन के डर से लोग अपने पास ज्यादा कैश रख रहे हैं।
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पिछले साल भी जनता के पास बढ़ा था कैश
पिछले साल जब सरकार ने मार्च में कड़े लॉकडाउन की घोषणा की थी, तो भी जनता के पास कैश की मात्रा बढ़ गयी थी। 28 फरवरी को जनता के पास कुल 22.55 लाख करोड़ रु की नकदी थी, जो 19 जून 2020 को समाप्त पखवाड़े में 25.62 लाख करोड़ रुपये हो गयी थी। यानी मार्च से 19 जून तक लोगों के पास 3.07 लाख करोड़ रु कैश बढ़ा था।
धीमी रफ्तार से बढ़ रहा कैश
जबकि जनता के पास मुद्रा बढ़ रही है, जुलाई 2020 के बाद इसकी रफ्तार धीमी हो गई है। हालांकि फरवरी 2021 में इसमें तेजी देखने को मिली थी। फरवरी 2021 से लोगों के पास कैश में 80,857 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच जनता के पास कैश में केवल 33,500 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी।
जुलाई-सितंबर 2020 में कैसा रहा था हाल
इसके अलावा, जुलाई और सितंबर 2020 के बीच तीन महीने की अवधि में, जनता के साथ पास कैश 22,305 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी। हालांकि, अक्टूबर और नवंबर के त्योहारी महीनों में इसमें उछाल देखा गया। तब 9 अक्टूबर और 20 नवंबर 2020 के बीच खत्म होने वालों पखवाड़ों में लोगों के पास कैश में 88,300 करोड़ रुपये की बढ़त हुई थी।
नोटबंदी के बाद बढ़ा लोगों के पास कैश
हालाँकि ध्यान देने वाली बात यह है कि 8 नवंबर 2016 को सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद से जनता के पास कैश में 9.9 लाख करोड़ रुपये या 55 प्रतिशत का उछल देखा गया है। तब लोगों के पास 17.97 लाख करोड़ रुपये कैश था और वर्तमान में यह 27.87 लाख करोड़ रुपये है।
इकोनॉमी में मनी सप्लाई बढ़ी
इस बीच अर्थव्यवस्था में मनी सप्लाई (एम3) पिछले कुछ महीनों में बढ़ी है। एम3, जिसमें पब्लिक, करंट डिपॉजिट, सेविंग डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं, 9 अप्रैल 2021 तक 189.07 लाख करोड़ रुपये के नए उच्च स्तर पर पहुंच गए। इसमें 11.3 प्रतिशत या 19.17 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। बैंकरों के अनुसार, जनता के पास नकदी में वृद्धि लेनदेन के लिए नकदी के अधिक उपयोग का संकेत देती है, जिससे एटीएम से अधिक निकासी हो सकती है। एक और अनुमान के अनुसार कई लोग स्वास्थ्य आपातकाल की तैयारी के लिए नकदी निकाल रहे हैं।