FD : फायदे ही नहीं नुकसानों के बारे में भी जानिए, उसके बाद करें निवेश का फैसला
नई दिल्ली, सितंबर 22। फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) भारत में सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है। कई लोग एफडी को सबसे अच्छा निवेश विकल्प मानते हैं। वे अपनी बचत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एफडी में ही निवेश करते हैं। लेकिन एफडी है क्या? एफडी एक प्रकार की डिपॉजिट है जिसमें एक निश्चित अवधि के लिए पैसे लॉक कर दिया जाता है। हालाँकि, एफडी के लिए अवधि निवेशक व्यक्ति द्वारा तय की जाती है। ये अवधि आम तौर पर 7 दिनों से लेकर 10 वर्षों तक की हो सकती है। सभी बैंक अलग-अलग रेट पर एफडी की पेशकश करते हैं। एफडी अकाउंट खोलना बेहद सरल है और इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से खोला जा सकता है। मगर क्या एफडी में निवेश करना सबसे अच्छा विकल्प है? आपको इसके नुकसानों के बारे में भी जानना चाहिए।
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ब्याज दरों में कमी
एफडी के बहुत सारे फायदे हैं, लेकिन ब्याज दरें मुद्रास्फीति के अनुरूप नहीं चलती हैं। इसका मतलब है कि कुछ मामलों में, ये वास्तव में मुद्रास्फीति की दर से कम रिटर्न दिलाएंगी। एफडी के लिए ब्याज दरों में हाल के दिनों में तेजी तो आई है मगर इनका रिटर्न अब भी शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड खे काफी कम है। इससे एफडी में निवेश का आकर्षण कम हो गया है।
फंड हो जाता है लॉक
एफडी आपका पैसा एक निश्चित अवधि के लिए लॉक हो जाता है। ये फंड आपके उपयोग के लिए उपलब्ध तब तक नहीं रहता, जब तक कि आप समय से पहले फंड नहीं निकाल लेते। एफडी बिल्कुल भी लिक्विड नहीं हैं और इन्हें आसानी से नकदी में इसे कंवर्ट नहीं किया जा सकता है। दूसरी तरफ शेयर या म्यूचुअल फंड में आप जब चाहो पैसा निकाल सकते हो।
निकासी पर जुर्माना
बैंक उन जमाकर्ताओं पर जुर्माना लगाते हैं जो समय से पहले अपनी सावधि जमा राशि निकालते हैं। यह जुर्माना कम ब्याज दर के रूप में होता है। यानी मान लीजिए आपकी एफडी की अवधि 10 साल है और आपको 5 साल पर पैसा चाहिए तो बैंक एफडी तो तोड़ने देगा, मगर फिर तय ब्याज दर के बजाय कम ब्याज देगा।
कोई टैक्स लाभ नहीं
एफडी पर अर्जित ब्याज निवेशक की टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाता है। अर्जित किसी भी ब्याज पर कोई कटौती नहीं मिलती। हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज पर 50,000 रुपये तक की छूट मिलती है। इसलिए इससे बेहतर पीपीएफ जैसा ऑप्शन रहेगा, जिसका ब्याज भी टैक्स फ्री रहता है।
निश्चित ब्याज दर
सावधि जमा पर ब्याज की दर सावधि जमा की पूरी अवधि के लिए समान रहती है। दरें बढ़ने पर भी बैंक जमाकर्ता को अतिरिक्त ब्याज नहीं देता है। पर शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में आपका रिटर्न तेजी पर बढ़ता है। आप ज्यादा प्रोफिट कमा सकते हैं। बाकी यह कहा जा सकता है कि एफडी उन लोगों के लिए एक निवेश ऑप्शन है जो अधिक जोखिम लेने की क्षमता नहीं रखते हैं। यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने खाते में निश्चित आय देखना पसंद करते हैं, तो यह आपके लिए बेहतर है। हालांकि, बैंकों के पास स्वीप इन सुविधा है जहां ग्राहक को बचत खाते में जरूरी बैलेंस से ऊपर होने पर अतिरिक्त धनराशि को एफडी में ट्रांसफर कराने की सुविधा मिलती है। इससे आप अपने फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट से रिटर्न बढ़ा सकते हैं।