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TAX और छूट का गणित, जानिए सरकार की कमाई

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नई दिल्ली। बीते वित्तीय वर्ष यानी 2019-20 के दौरान सरकार का वास्तविक ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 4.92 फीसदी कम होकर 12.33 लाख करोड़ रुपये रह गया। इसकी बड़ी वजह कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कटौती, स्टैंडर्ड डिडक्शन और व्यक्तिगत आयकर की छूट की सीमा को बढ़ाया जाना रहा है। इनकम टैकस विभाग ने रविवार को जानकारी दी कि अगर व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट आयकर को पुरानी दरों से वसूला जाता तो वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के 8 फीसदी बढ़कर 14.01 लाख करोड़ रुपये होता। यानी सरकार को यह छूट देने से करीब 1.68 लाख करोड़ रुपये का टैक्स कम मिला। बीते वित्तीय वर्ष के दौरान टैक्स की यह छूट सीधे लोगों और कंपनियों को मिली है।

 

ये हैं टैक्स कलेक्शन के आंकड़े

ये हैं टैक्स कलेक्शन के आंकड़े

वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार का ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12,97,674 करोड़ रुपये रहा था। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि यह एक वास्तविकता है कि 2019-20 में शुद्ध डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 2018-19 के मुकाबले कम रहा। लेकिन इसका अनुमान पहले से था। इसकी प्रमुख वजह 2019-20 के दौरान ऐतिहासिक टैक्स सुधार करना है, जिसके चलते ज्यादा रिफंड जारी किए गए।

5.55 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स के रूप में मिला
 

5.55 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स के रूप में मिला

वित्त वर्ष 2019-20 में कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 6.78 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर कलेक्शन 5.55 लाख करोड़ रुपये रहा। इस प्रकार 2019-20 के लिए वास्तविक टैक्स कलेक्शन 12,33,720 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष के दौरान कॉरपोरेट कर की दर में कटौती से टैक्स कलेक्शन में 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी आई। वहीं व्यक्तिगत आयकर की छूट सीमा 5 लाख रुपये तक बढ़ाने और स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50,000 रुपये तक बढ़ाने से भी 23,200 करोड़ रुपये कम टैक्स कलेक्शन हो पाया। यदि यह नहीं हुआ होता तो 2019-20 में कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 8.23 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर कलेक्शन 5.78 लाख करोड़ रुपये होता। इस तरह ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 14.01 लाख करोड़ रुपये होता, जो 2018-19 के मुकाबले 8.03 फीसदी अधिक होता। वित्त वर्ष 2019-20 में प्रचलित मूल्य पर देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.20 फीसदी रही। वित्त वर्ष 2019-20 में सीबीडीटी ने 1.84 लाख करोड़ रुपये के कर रिफंड जारी किए। यह 2018-19 के 1.61 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 14 फीसदी अधिक रहे। 

टैक्स से जुड़ी यह राहत दी थीं सरकार ने

टैक्स से जुड़ी यह राहत दी थीं सरकार ने

सरकार ने पिछले साल सितंबर में किसी तरह की कर छूट इस्तेमाल नहीं करने वाली सभी घरेलू कंपनियों के लिए टैक्स की दर घटाकर 22 फीसदी कर दिया था। इस तरह की कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) के भुगतान से भी राहत दी गई थी। वहीं किसी विशेष कर छूट का लाभ नहीं लेने वाली नई घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कर की दर घटाकर 15 फीसदी कर दी गई थी। इन्हें भी मैट से छूट दी गई थी, जबकि मैट के तहत कर छूटों का लाभ उठाकर कर भुगतान करने वाली कंपनियों के लिए मैट की दर भी 18.5 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दी गई। इसी तरह व्यक्तिगत आयकर से छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये और स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया था।

Income Tax अलर्ट : ऐसे चोरी हो रही आपकी पर्सनल जानकारीIncome Tax अलर्ट : ऐसे चोरी हो रही आपकी पर्सनल जानकारी

English summary

Fall in real gross direct tax collection loss due to tax exemption

Due to tax exemption during the last financial year, the Central Government's tax income has come down.
Story first published: Monday, June 8, 2020, 11:51 [IST]
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