Facebook : अमेरिकी संसदीय समिति के सामने पेश हुए मार्क जुकरबर्ग
नयी दिल्ली। बुधवार को फेसबुक के चीफ एग्जीक्यूटिव मार्क जुकरबर्ग मार्केट पावर के कथित दुरुपयोग के मामले में अमेरिकी संसदीय समिति के सामने पेश हुए। अमेरिकी सांसदों ने जुकरबर्ग के सामने वे ईमेल रखे जो फेसबुक द्वारा अन्य कंपनियों की खरीदारी से जुड़े थे। जुकरबर्ग और कंपनी के अन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के स्क्रीनशॉट जारी किए गए। हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के एंटीट्रस्ट पैनल ने फेसबुक के ढेरों ईमेल सामने रखे। इन्हीं में से एक मैसेज में जुकरबर्ग ने लिखा था बिजनेस शुरुआती दौर में है, लेकिन यदि वे बड़े पैमाने पर विकसित हुए हैं तो हमारे लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। ये मैसेज उन्होंने 2012 में इंस्टाग्राम को खरीदने से 2 महीने पहले किया था।
इंस्टाग्राम हमारा खतरा था
एक अन्य मैसेज, जो उस दिन लिखा गया जिस दिन इंस्टाग्राम को खरीदने का ऐलान किया गया, में उन्होंने लिखा था कि इंस्टाग्राम हमारा खतरा था। साथ ही उन्होंने लिखा था कि स्टार्टअप के बारे में एक बात ये है कि आप उन्हें खरीद सकते हो। समिति ने सुनवाई के दौरान अन्य सीईओ के भी कुछ ऐसे मैसेज पेश किए, जिसमें अमेज़न के जेफ बेजोस, अल्फाबेट के स्वामित्व वाले गूगल के सुंदर पिचाई और ऐप्पल के टिम कुक शामिल हैं।
फेसुबक ने की नकल
डेमोक्रेटिक रिप्रेजेंटेटिव प्रमिला जयपाल ने जुकरबर्ग के सामने एक ईमेल रखा और कहा कि क्या फेसबुक ने प्रतिस्पर्धी प्रतिस्पर्धात्मक कारणों के लिए स्नैपचैट जैसे प्रतियोगियों की नकल की? उन्होंने पूछा कि फेसबुक ने कितने प्रतियोगियों की नकल की? इस पर जुकरबर्ग ने कहा मुझे नहीं पता। मौजूद दस्तावेजों के जरिए इस बात पर भी रोशनी डाली गई कि सोशल मीडिया दिग्गज ने प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को कैसे देखा। 2012 के एक ग्राफिक में फेसबुक ने कंपनी को अमेरिका में सोशल मीडिया में 95 फीसदी हिस्सेदारी वाला बताया। मंगलवार को ये सामने आई थी कि फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों के सीईओ एक-दूसरे पर नजर रखते हैं। क्योंकि उन्हें पिछड़ने का खतरा है। गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि प्रासंगिक बने रहने को लेकर वे हमेशा चिंतित रहते हैं।
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