चीन में बढ़ा भारत का निर्यात, जानें क्या हो रहा
नयी दिल्ली। गलवान घाटी में सैनिकों के बीच आमने-सामने होने के बाद भी भारत ने विभिन्न मोर्चों पर चीन का बहिष्कार किया है। मगर चीन इसके बावजूद पूरी क्षमता के साथ भारतीय सामानों की खरीदारी रहा है। सामने आई रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल दर साल साल आधार पर जून 2020 में भारत के चीन को निर्यात में 78 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि अप्रैल में सालाना आधार पर इसमें 60.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी। इसके बाद ये गिरावट जुलाई में घट कर सिर्फ 10.2 प्रतिशत रह गई। इसका कारण उन अर्थव्यवस्थाओं को निर्यात में बढ़ोतरी है जो कोरोनोवायरस महामारी को नियंत्रित करने में सक्षम रही। चीन के अलावा भारत का निर्यात अन्य पूर्व एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में भी बढ़ा है। इनमें देशों में भारत अपने निर्यात का लगभग 16 प्रतिशत भेजता है।
किस देश में कितना निर्यात बढ़ा
भारत का जिन पूर्व एशियाई देशों में निर्यात बढ़ा है उनमें मलेशिया (76 प्रतिशत), वियतनाम (43 प्रतिशत) और सिंगापुर (37 प्रतिशत) शामिल हैं। इनमें से अधिकांश देशों ने कोविड पर अच्छी तरह से नियंत्रण कर लिया। वहीं दूसरी तरफ उच्च कोरोनोवायरस मामलों के कारण अमेरिका, ब्राजील और यूनाइटेड किंगडम जैसी पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं में देश के निर्यात में गिरावट आई। रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्यात उन देशों में बढ़ेगा जिन्होंने कोरोना पर काबू पाया और चीन ऐसे ही देशों में से एक है। यूएई को किये गए निर्यात में 53.2 प्रतिशत, ब्रिटेन को किए गए निर्यात में 38.8 प्रतिशन, अमेरिका को किए गए निर्यात में 11.2 प्रतिशत और ब्राजील को किए गए निर्यात में 6.3 प्रतिशत की कमी आई।
चीन ने बहुत पहले किया काबू
रिपोर्ट के अनुसार चीन बाकी देशों की तुलना में महामारी से पहले दो-चार हुआ और इसने बहुत पहले ही इस पर नियंत्रण कर लिया। चीन में कोरोना के मामले फरवरी में हाई लेवल पर बढ़े थे, इसके बाद बीजिंग में आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू हुईं। अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं मंदी में जा रही हैं, मगर चीन की जीडीपी अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। बहरहाल लोहा और इस्पात, अयस्क और कार्बनिक रसायन जैसे औद्योगिक वस्तुओं के चलते ही चीन को भारत का निर्यात दोहरे अंकों में बढ़ा।
आयात में भारी गिरावट
कमजोर घरेलू मांग और आयात प्रतिबंधों के कारण चीन से भारत का आयात गिर गया है। आयात के मुकाबले निर्यात में इस तेज वृद्धि से चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा काफी कम हुआ है। निर्यात में इस तेज बढ़त ने देश की कुल अर्थव्यवस्था पर कोरोनवायरस मामलों की गंभीरता का भी संकेत दिया है।
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