ईमानदारी की मिसाल : महिला ने लौटाया करोड़ों का लॉटरी टिकट, व्यक्ति जीता 6 करोड़ रु
नयी दिल्ली। देने वाला जब भी देता है छप्पर फाड़ के देता है। किस्मत के धनी व्यक्ति मिनट भर में करोड़पति बन जाते हैं और फर्श से अर्श पर पहुंच जाते हैं। ऐसा ही एक दिलचस्प मामला सामने आया है केरल से। यहां एक व्यक्ति की 1-2 नहीं बल्कि पूरे 6 करोड़ रु की लॉटरी लगी। कमाल की बात ये है कि इस व्यक्ति ने उस लॉटरी टिकट में 6 करोड़ रु का जैकपॉट इनाम जीता, जिसके लिए उसने पेमेंट तक नहीं की थी। तो फिर कैसे उस तक इतने बड़े इनाम का लॉटरी टिकट पहुंचा? आइए जानते हैं।
महिला की ईमानदारी से बना करोड़पति
रातोंरात करोड़पति बनने वाले व्यक्ति की जो कहानी हम बताने जा रहे हैं वो बेहद दिलचस्प है। केरल की रहने वाली स्मिजा के मोहन लॉटरी टिकट बेचती हैं। उनकी ईमानदारी के कारण ही पी.के. चंद्रन नामक व्यक्ति करोड़पति बन सका। स्मिजा पट्टिमट्टम (केरल) में भाग्यलक्ष्मी एजेंसी के जरिए लॉटरी टिकट बेचती हैं। 6 करोड़ रु के इनाम वाला टिकट उन्होंने चंद्रन को फोन पर उधार बेचा था।
क्या है पूरी कहानी
असल में स्मिजा राजगिरी अस्पताल के सामने लॉटरी टिकटों की बिक्री करती हैं। बीते रविवार को उनके पास 12 लॉटरी टिकट बचे थे, तो उन्होंने चंद्रन को कॉल की, जो नियमित रूप से टिकट खरीदते हैं। स्मिजा ने उनसे कम से कम एक टिकट खरीदने के लिए कहा। चंद्रन ने बताए गए नंबर वाले टिकटों में से एक टिकट अलग रखने को कहा और बाद में उसका पैसा देने का वादा किया।
लगा 6 करोड़ रु का इनाम
चंद्रन ने SD 316142 नंबर वाला टिकट चुना था, जो 6 करोड़ रु का इनामी टिकट था। रविवार की शाम को स्मिजा को पता चला कि जो टिकट उन्होंने चंद्रन के लिए रखा है उसी में पहला इनाम लगा है। स्मिजा ने तुरंत चंद्रन को फोन किया और टिकट उनके हवाले कर दिया। अगर स्मिजा चाहतीं तो कुछ घपला कर सकती थीं, क्योंकि उन्हें टिकट का पैसा नहीं मिला था। मगर उन्होंने 6 करोड़ रु का टिकट दे दिया और बदले में अपनी ईमानदारी के 200 रु (टिकट की कीमत) ले ली।
क्या करेंगे पैसों का
चंद्रन कीज़माद में डॉन बोस्को में एक माली हैं। उनके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। वो अपनी बेटी के पति की घर बनाने में मदद करना चाहते हैं। चंद्रन के अनुसार वह अपनी दूसरी बेटी की शादी और अपने बेटे की पढ़ाई की जरूरतों पर पैसा खर्च करना चाहते हैं, जो बीटेक कर रहा है। चंद्रन ने अपना टिकट कुट्टमस्सेरी एसबीआई बैंक को सौंप दिया है।
कैसी है स्मिजा के परिवार की स्थिति
स्मिजा के 13 वर्षीय बड़े बेटे का दिमागी इंफेक्शन का इलाज चल रहा है। उनके दूसरे दो वर्षीय बेटे का कैंसर का इलाज चल रहा है। मगर बावजूद इसके उन्होंने चंद्रन के टिकट पर नजर नहीं रखी। स्मिजा मैथ ग्रेजुएट हैं। उनके अनुसार लॉटरी का बिजनेस अच्छा चल रहा था। लेकिन फिर कोविड आ गया और उन्होंने सभी कर्मचारियों को निकाल दिया और खुद ही लॉटरी टिकट बेचना शुरू किया।
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