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चीन के बाद भारत में गहराया ऊर्जा संकट, सिर्फ 4 दिन का कोयला बाकी

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नई दिल्ली, अक्टूबर 5। चीन के बाद भारत में बिजली संकट गहराता जा रहा है। कोयले की आपूर्ति से बिजली संकट पैदा हो रहा है, जिससे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के सामने भारी चुनौतियां आ सकती है। बिजली संकट से अर्थव्यवस्था ठप्प हो सकती है। कोयले से चलने वाले बिजली स्टेशनों के पास पिछले महीने के आखिर में औसतन चार दिनों का ईंधन स्टॉक था, जो कई वर्षों का सबसे निचला स्तर है। अगस्त की शुरुआत में उनके पास औसतन 13 दिनों का स्टॉक था। बता दें कि आधे से ज्यादा प्लांट बंद होने के अलर्ट पर हैं।

 

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70 फीसदी बिजली कोयले से बनती है

70 फीसदी बिजली कोयले से बनती है

कोयले से लगभग 70% बिजली का उत्पादन होता है। स्पॉट बिजली दरों में वृद्धि हुई है। कोयले की कमी को देखते हुए ईंधन की आपूर्ति को एल्युमीनियम स्मेल्टर और स्टील मिलों सहित प्रमुख कस्टमर से डायवर्ट किया जा रहा है। चीन की तरह, भारत दो प्रमुख चुनौतियों का सामना कर रहा है। पहला बिजली की बढ़ती मांग, क्योंकि औद्योगिक गतिविधियां महामारी के कारण लगे प्रतिबंध के बाद तेजी से बढ़ी हैं) और दूसरा स्थानीय कोयला उत्पादन में मंदी।

बारिश ने कर दिया काम खराब
 

बारिश ने कर दिया काम खराब

देश में कोयले की कुल अमांग का लगभग तीन-चौथाई लोकल लेवल पर पूरी कर ली जाती है, लेकिन भारी बारिश से खदानों और प्रमुख परिवहन मार्गों पर पानी भर गया है। कोयले से चलने वाले संयंत्रों के ऑपरेटर्स को एक दुविधा का सामना करना पड़ रहा है कि या तो वे किसी भी उपलब्ध स्थानीय सप्लाई को हासिल करने के लिए घरेलू नीलामी में बड़े प्रीमियम का भुगतान करें या समुद्री कोयला बाजार में उतरें जहां कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।

कितना है कोयला

कितना है कोयला

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बिजली संयंत्रों के पास कोयले का भंडार सितंबर के अंत में गिरकर लगभग 8.1 मिलियन टन हो गया, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग 76 फीसदी कम है। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड में औसत हाजिर बिजली की कीमतें सितंबर में 63% से अधिक उछलकर 4.4 रुपये (0.06 डॉलर) प्रति किलोवाट घंटे हो गईं।

विकास दर होगी प्रभावित

विकास दर होगी प्रभावित

बढ़ते बिजली बिलों से भारत की शानदार विकास दर में सेंध लगने की संभावना है। ब्लूमबर्ग न्यूज सर्वे के मुताबिक, मार्च 2022 तक अर्थव्यवस्था में 9.4% का विस्तार होने का अनुमान है, जो प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति होगी। मगर बिजली की बढ़ती कीमत इसे प्रभावित कर सकती है।

एल्युमीनियम उत्पादक हैं बिजली के मुख्य कंज्यूमर

एल्युमीनियम उत्पादक हैं बिजली के मुख्य कंज्यूमर

एल्युमीनियम उत्पादक प्रमुख बिजली उपयोगकर्ताओं में से हैं। कोल इंडिया ने बिजली उत्पादकों को डिलीवरी को प्राथमिकता देने के लिए भारी उद्योग को ईंधन की आपूर्ति पर रोक लगा दी। इसके बाद एल्युमीनियम उत्पादक ने शिकायत की थी। कोल इंडिया बिजली संयंत्रों में डेफिसिट को कवर करने के लिए अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक आपूर्ति बढ़ाने में सक्षम हो सकती है। हालांकि यह मौसम पर निर्भर करेगा। मगर बुरी समाप्त हुए भंडार को फिर से भरने में अधिक समय लगेगा। कोयले के गड्ढों में बारिश से भरे पानी के कारण बिजली संयंत्रों की आपूर्ति वर्तमान में 60,000 से 80,000 टन तक कम है।

English summary

Energy crisis deepens in India after China only 4 days coal left

About 70% of electricity is produced from coal. Spot electricity rates have increased. In view of the shortage of coal, fuel supply is being diverted from major customers including aluminum smelters and steel mills.
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