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कर्मचारी पेंशन योजना : जानिए क्या हैं स्कीम से जुड़ने के नियम, मिलेंगे कई फायदे

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नयी दिल्ली। ईपीएफ पेंशन, जिसका टेक्निकल नाम कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) है, एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसका संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) करता है। योजना के तहत 58 वर्ष की आयु में रिटायर होने के बाद संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को पेंशन मिलती है। हालांकि इस योजना का लाभ सिर्फ तभी लिया जा सकता है जब कर्मचारी ने कम से कम 10 वर्षों के लिए सर्विस दी हो। इसमें लगातार सर्विस दिया जाना जरूरी नहीं। ईपीएस 1995 में लॉन्च की गई थी, जिसमें तत्कालीन और नए ईपीएफ सदस्यों को शामिल होने की अनुमति थी। मगर बाद में इस योजना में बदलाव हुए। यदि कोई 1 सितंबर 2014 के बाद कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना में शामिल हुआ और उसकी सैलेरी 15000 रु से अधिक है तो वे ईपीएस खाता नहीं खोल सकता। सरकार की तरफ से 22 अगस्त 2014 को जारी की गई अधिसूचना के माध्यम से ईपीएफ और ईपीएस योजनाओं से संबंधित नियमों में संशोधन का ऐलान किया था। 1 सितंबर, 2014 से प्रभावी नियमों के मुताबिक योजना में दो बदलाव किए गए। आइये जानते हैं क्या हैं वो नियम।

ये हुए हैं ईपीएस में बदलाव

ये हुए हैं ईपीएस में बदलाव

भविष्य निधि (पीएफ) योजना में शामिल होने के लिए मासिक वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ा कर 15,000 रुपये प्रति माह किया गया। दूसरा उन लोगों को पेंशन योजना में शामिल होने से रोक दिया गया जिनका मासिक वेतन योजना में शामिल होने के समय 15,000 रुपये से अधिक था। ईपीएस योजना के उद्देश्य से सैलेरी में मूल वेतन और महंगाई भत्ता (डीए) को जोड़ा जाता है। इसलिए संशोधित नियमों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति का मूल वेतन और डीए मिला कर 15,000 रुपये प्रति माह से अधिक है, तो वह ईपीएस योजना में शामिल होने के लिए पात्र नहीं होगा।

क्या हैं ईपीएस से जुड़ने होने के नियम

क्या हैं ईपीएस से जुड़ने होने के नियम

- आपको ईपीएफओ का सदस्य होना जरूरी है
- 10 साल नौकरी किया जाना अनिवार्य हो
- 58 साल की आयु जरूरी है
- आप 50 वर्ष की आयु होने पर कम दर पर अपना ईपीएस निकाल सकते हैं
- आप दो साल यानी 60 साल की उम्र तक के लिए अपनी पेंशन को टाल सकते हैं, जिसके बाद आपको हर साल 4 फीसदी की अतिरिक्त दर से पेंशन मिलेगी

ये हैं ईपीएस के फायदे :

ये हैं ईपीएस के फायदे :

- योजना का सदस्य 58 वर्ष की आयु में रिटायर होने के बाद पेंशन लाभ के लिए पात्र हो जाता है
- यदि कोई सदस्य 58 वर्ष की आयु से पहले 10 वर्षों तक सेवा में नहीं रहा हो तो वह फार्म 10सी भरकर 58 वर्ष की आयु होने पूरी राशि निकाल सकता है। मगर उसे सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन नहीं मिलेगी
- ईपीएफओ का कोई सदस्य जो दुर्भाग्यवश पूरी तरह और स्थायी रूप से विकलांग हो जाए तो उसे मासिक पेंशन मिलेगी, चाहे उसने जरूरी 10 साल सर्विस न भी दी हो।
- सदस्य के परिवार को निम्नलिखित मामलों में पेंशन लाभ का मिलता है
1- सेवा में रहते हुए सदस्य की मृत्यु के मामले में और कंपनी ने कम से कम एक महीने के लिए उसके ईपीएस खाते में फंड जमा किया हो
2- 10 साल सेवा पूरी कर ली हो मगर 58 वर्ष की आयु से पहले मौत हो जाए
3- मासिक पेंशन शुरू होने के बाद सदस्य की मृत्यु होने पर

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English summary

Employee Pension Scheme Know what are rules for joining the scheme many benefits will be available

The monthly salary limit for joining the Provident Fund (PF) scheme has been increased from Rs 6,500 per month to Rs 15,000 per month.
Story first published: Saturday, June 20, 2020, 15:08 [IST]
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