ELSS या PPF : टैक्स बचाने के लिए कहां लगाएं मेहनत का पैसा, चेक करें
नई दिल्ली, सितंबर 13। यदि आपकी सैलरी टैक्स स्लैब के भीतर आती है तो फिर आप टैक्स सेविंग स्कीम में इन्वेस्ट कर टैक्स देने से बच सकते है। भारतीय आयकर अधीनियम की धारा 80 के तहत आपको बहुत सी स्कीम्स में इन्वेस्ट करने के विकल्प मिलते है। इन स्कीम में इन्वेस्ट करके आप टैक्स में छूट के साथ-साथ एक अच्छा रिटर्न भी प्राप्त कर सकते है। हम आपको बता दे स्मॉल सेविंग स्कीम, नेशनल पेंशन योजना, टैक्स सेवर एफडी, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम आदि। ये टैक्स सेविंग योजना के नाम है। अगर आप पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) और इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में से किसी स्कीम में निवेश करने का विचार कर रहें है तो फिर आज हम आपको पीपीएफ और ईएलएसएस के लाभ और फर्क के बारे में बताएंगे तो फिर चलिए जानते है।
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इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस)
ईएलएसएस एक फ्लेक्सी कैप फंड के जैसा ही है, मगर इस स्कीम में यदि कोई व्यक्ति इन्वेस्टमेंट करता है तो फिर इन्वेस्टर को इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रु निवेश पर छूट मिलती है। इस बेहद खास बात ये है कि इसकी लॉक टाइम सिर्फ 3 वर्ष होता है। ऐसे में ये अन्य टैक्स सेविंग स्कीम के मुकाबले अधिक व्यक्त तक लिए आपके रुपयों को लॉक इन करके रख सकते हैं। आप इसमें इन्वेस्ट करने के लिए दोनों विकल्प मिलते है। यदि आप इसमें निवेश करने का विचार कर रहें हैं तो आपको एक बात पता होनी चाहिए कि ईएलएसएस एक म्यूचुअल फंड स्कीम हैं। इसमें इन्वेस्टमेंट मार्केट के जोखिम के अधीन हैं। यदि आप मार्केट का जोखिम उठा सकते है तो फिर आप इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं। 10 प्रतिशत छूट मैच्योरिटी अमाउंट पर आप लॉन्ग टर्म गेन्स में प्राप्त कर सकते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)
एक सुरक्षित निवेश स्कीम के रूप में पीपीएफ को जाना जाता है। यदि आप पीपीएफ में निवेश करते है तो आपको बाजार ले जोखिम का कोई डर नहीं होता हैं। इसमें इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये के निवेश पर छूट मिलती है। 15 वर्ष का इस स्कीम में लॉक इन पीरियड हैं। जिसमे रिटर्न को बात करें तो इसमें रिटर्न 7.1 प्रतिशत मिलता हैं। इस योजना में मैच्योरिटी राशि पर भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता हैं। आप 1 वर्ष में 500 रु से लेकर 1.5 लाख रु तक का इन्वेस्ट कर सकते है।
ईएलएसएस और पीपीएफ में कौन है बेहतर
दोनों ही में निवेश करने पर ईएलएसएस और पीपीएफ में इन्वेस्टर्स और इनकम टैक्स को धारा 80सी के तहत छूट का फायदा मिलता हैं। ईएलएसएस में आप रिटर्न की बात करें तो आपको 12 से 15 प्रतिशत तक का रिटर्न मिल सकता हैं। ईएलएसएस एक म्यूचुअल फंड स्कीम है। वही हम पीपीएफ की बात करें तो इसमें 7.1 प्रतिशत रिटर्न मिलता है। पीपीएफ एक सुरक्षित निवेश है और ईएलएसएस जोखिम पर आधारित होता हैं। अगर आप बाजार के जोखिम को उठाने के लिए तैयार नहीं है तो फिर आपके निवेश के लिए पीपीएफ एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता हैं।