ELSS Funds : टैक्स सेविंग के साथ चाहिए भारी रिटर्न, तो इन Tips को करें फॉलो

ELSS Funds : म्यूचुअल फंड में कई कैटेगरी होती हैं। इनमें से एक है ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम)। ये इक्विटी कैटेगरी में आने वाला फंड है, जो हाई रिटर्न ऑफर करता है। इसका एक फायदा यह है कि यह आपका टैक्स बचाता है। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत आप एक साल में ईएलएसएस में 1.5 लाख रु तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा ये स्कीमें आम तौर पर मुद्रास्फीति को हराने वाली और रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न प्रोवाइड करती हैं। यानी इनका रिटर्न अन्य इक्विटी स्कीमों के आस-पास होता है। मगर इसका टैक्स बेनेफिट इसे अधिक आकर्षक बनाता है। पर ईएलएसएस में निवेश से पहले आपको कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि आपको अच्छा रिटर्न मिल सके।
Mutual Fund : कैसे जोड़े अपने नॉमिनी का नाम, यहां जानिए आसान प्रोसेस

सही ईएलएसएस फंड चुनें
सही ईएलएसएस फंड चुनना जरूरी है। इसके लिए, कुछ आवश्यक फैक्टर हैं जिन पर आपको जरूर विचार करना चाहिए। इनमें बाजार की अलग-अलग स्थितियों के दौरान फंड का पिछला प्रदर्शन आपको इसके फ्यूचर के संभावित प्रदर्शन का अंदाजा देगा। फंड के एक्सपेंस रेशियो को भी चेक करें। हाई एक्सपेंस रेशियो आपके फाइनल रिटर्न को कम करेगा।
इस टैक्स से बचना जरूरी
ईएलएसएस में निवेश आपको टैक्स छूट प्राप्त करने में मदद कर सकता है, पर ईएलएसएस यूनिट्स को बेचने पर मिलने वाले कैपिटल गेन्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) टैक्स लगता है। 1 लाख रुपये से अधिक के पूरे मुनाफे पर 10 फीसदी का एलटीसीजी टैक्स लगता है। उदाहरण के लिए यदि आपका ईएलएसएस फायदा 1.2 लाख रुपये है, तो एलटीसीजी टैक्स केवल 1 लाख रुपये से अधिक की राशि पर लगाया जाएगा, जो इस मामले में 20,000 रुपये है। 10 फीसदी की दर से, आप अपने निवेश पर 2,000 रुपये के एलटीसीजी टैक्स के लिए उत्तरदायी होंगे।

डायवर्सिफिकेशन और रिस्क कम करना
जोखिम कम करना निवेश डायवर्सिफिकेशन के मुख्य उद्देश्यों में से एक है। ईएलएसएस फंड के मामले में, अन्य म्यूचुअल फंडों की तरह, इसका मैनेजमेंट प्रोफेश्नल फंड मैनेजर्स द्वारा किया जाता है, जो बेस्ट रिटर्न दिलाने के लिए आपके फंड को मैनेज करते हैं।

टॉप-अप विकल्प का इस्तेमाल
यदि आपने ईएलएसएस में एसआईपी शुरू की है लेकिन मिलने वाली राशि अपर्याप्त लगती है तो आप एकमुश्त योगदान के साथ अपने निवेश को ऊपर ले जा सकते हैं। निवेश मोड के मामले में यह फ्लेक्सिबिलिटी ईएलएसएस में मिलने वाला एक और फायदा है।

एसआईपी और निवेश सीमा
अन्य म्यूचुअल फंड योजनाओं की तरह, ईएलएसएस आपको एसआईपी के जरिए निवेश करने की सुविधा देता है। आप अपनी टैक्स-सेविंग्स आवश्यकताओं के अनुकूल राशि के लिए मासिक एसआईपी शुरू कर सकते हैं। आपको विभिन्न बाज़ार स्थितियों का लाभ मिलता है, जो लंबी अवधि में आपके निवेश की कॉस्ट को एवरेज करने में मदद करते हैं। एक खास बात यह है कि ईएलएसएस निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। लेकिन एक वित्तीय वर्ष में केवल 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट का लाभ मिलेगा। यदि आप टैक्स बचाने के लिए इसमें 1.5 लाख रु तक का निवेश करते हैं तो ये पैसा आप एक साथ निवेश कर सकते हैं या फिर एसआईपी के जरिए भी।