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खाद्य तेल और तिलहन होंगे सस्ते, सरकार ने उठाया बड़ा कदम, जानें डिटेल

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नई दिल्ली, अक्टूबर 13। कुकिंल ऑयल की कीमतों में लगातार वृद्धि को देखते हुए केंद्र ने अगले साल मार्च के अंत तक खाद्य तेलों और तिलहनों पर स्टॉक की लिमिट लगा दी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि जरूरी निर्णय लेते हुए खाद्य तेलों और तिलहनों पर 31 मार्च 2022 तक की अवधि के लिए स्टॉक लिमिट लगाई है। केंद्र के फैसले से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आएगी, जिससे देश भर के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

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रिकॉर्ड लेवल पर खाद्य तेल के दाम

रिकॉर्ड लेवल पर खाद्य तेल के दाम

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब खाद्य तेल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही हैं। मंत्रालय के पास मौजूद ताजा आंकड़ों के अनुसार सरसों के तेल का ऑल इंडिया डेली एवरेज रिटेल प्राइस 184.15 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया। इसमें मुंबई और लखनऊ सहित कम से कम 22 केंद्रों पर कीमत 200 रुपये और उससे अधिक रही।

सरसों का तेल सबसे महंगा

सरसों का तेल सबसे महंगा

सरसों का तेल छह खाद्य तेलों में सबसे महंगा है। इसके लिए मंत्रालय खुदरा और थोक मूल्य के आंकड़ों की निगरानी करता है। अन्य खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें देखें तो मूंगफली तेल का दाम 182.61 रुपये प्रति किलोग्राम, 136.59 रुपये प्रति किलोग्राम (वनस्पति), 155 रुपये प्रति किलोग्राम (सोया), 169.53 रुपये प्रति किलोग्राम (सूरजमुखी) और 132.91 रुपये प्रति किलोग्राम (ताड़) है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की ऊंची कीमत

अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की ऊंची कीमत

मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की ऊंची कीमतों का घरेलू कीमतों पर प्रभाव पड़ा है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक "बहु-आयामी रणनीति" तैयार की है कि खाद्य तेलों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें काबू में रहें। निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों (संशोधन) आदेश, 2021 पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीम और आवागमन प्रतिबंधों को हटाना तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। एनसीडीईएक्स में सरसों के तेल और तिलहन के फ्यूचर ट्रेडिंग को निलंबित कर दिया गया है।

कैसे तय होगी लिमिट

कैसे तय होगी लिमिट

मंत्रालय ने कहा है कि इस आदेश के तहत, सभी खाद्य तेलों और तिलहनों की स्टॉक सीमा संबंधित राज्य सरकार / केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन द्वारा उपलब्ध स्टॉक और खपत पैटर्न के आधार पर तय की जाएगी। हालांकि निर्यातकों और आयातकों के लिए अपवाद भी हैं। एक आयातक, जो एक रिफाइनर, मिलर, एक्सट्रैक्टर, थोक व्यापारी या खुदरा विक्रेता या डीलर होने के नाते, खाद्य तेलों और खाद्य तिलहन के संबंध में अपने स्टॉक के उस हिस्से की डिटेल बताता है, जो आय़ात किया गया है, तो उसे छूट मिलेगी।

स्टॉक की घोषणा करनी होगी

स्टॉक की घोषणा करनी होगी

राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खाद्य तेलों और खाद्य तिलहनों का स्टॉक नियमित रूप से पोर्टल पर घोषित और अपडेट किया जाता रहे। सरकार ने कहा है कि आयात शुल्क स्ट्रक्चर को बेहतर बनाने, विभिन्न स्टेकहॉल्डर्स द्वारा रखे गए स्टॉक के खुद बताने के लिए एक वेब-पोर्टल शुरू करने आदि जैसे उपाय पहले ही किए जा चुके हैं। खाद्य तेलों की घरेलू कीमतों को और कम करने के लगातार प्रयास मे, केंद्र ने आदेश जारी किया है जिसे सभी राज्यों के साथ साझा किया गया।

English summary

Edible oil oilseeds will be cheaper as Government imposed stock limit on both commodities

This step has been taken at a time when edible oil prices are reaching record levels. According to the latest data available with the ministry, the All India Daily Average Retail Price of mustard oil has touched Rs 184.15 per kg.
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