इकोनॉमी बेहाल : अब क्रिसिल ने कम की भारत की विकास दर
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस का भारत की विकास दर पर खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने भारत की विकास दर के लिए अपने अनुमान में कटौती की है। क्रिसिल ने कोरोनावायरस के पड़ रहे प्रभाव को देखते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर घटा कर 5.2 फीसदी कर दी है। इससे पहले क्रिसिल ने 2020-21 के लिए भारत की विकास दर 5.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। इससे पहले भी कई रेटिंग एजेंसियां कैलेंडर वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की विकास दर घटा चुकी हैं। हालांकि क्रिसिल ने बाकी एजेंसियों क मुकाबले अभी भी भारत की विकास दर अधिक रहने का अनुमान लगाया है।
वैश्विक आर्थिक मंदी का जोखिम
क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक विकास के लिए बाहरी जोखिम अब काफी बढ़ गया है, जिससे अमेरिका और यूरोजोन में मंदी का खतरा बढ़ गया है। चीन की भी विकास दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच रही है। चीन की विकास दर भी 2.9 फीसदी तक गिर सकती है। क्रिसिल ने पहले चीन की विकास दर के लिए 4.8 फीसदी का अंदाजा लगाया था। भारत की संबंध में क्रिसिल ने कहा है कि कोरोनावायरस 155 से अधिक देशों में पहुंच चुका है, जिससे 2020-21 में हल्के सुधार की संभावना है। डब्लूएचओ भी एक महामारी घोषित कर चुका है।
क्रिसिल के मुताबिक अगर अप्रैल-जून तिमाही तक इस महामारी पर काबू नहीं पाया गया तो हालात और इकोनॉमी और भी खराब हो सकती है, जिससे वैश्विक मंदी और बढ़ जाएगी। यदि यह भारत में तेजी से फैला है तो घरेलू खपत, निवेश और उत्पादन को प्रभावित करेगा।
मूडीज भी भारत की विकास दर के लिए अनुमान कम कर चुकी है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज के अनुसार 2020 में भारत की विकास दर 5.3 फीसदी रह सकती है। इससे पहले फरवरी में मूडीज ने 2020 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर 6.6 फीसदी से घटा कर 5.4 फीसदी कर दी थी, जिसे अब 5.3 फीसदी कर दिया है।
मूडीज के बाद एक और रेटिंग एजेंसी ने घटायी भारत की विकास दर