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Economic Survey 2023 : वित्त वर्ष 2023-24 में 6-6.8 फीसदी रह सकती है GDP ग्रोथ रेट

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Economic Survey : FY24 में 6-6.8 फीसदी रह सकती है विकास दर

Economic Survey 2023 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी विकास दर 6-6.8 फीसदी रह सकती है। आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने से पहले संसद के दोनों सदनों को राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्मु ने संबोधित किया। इसके साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सत्रों को एक साथ संबोधित करते हुए कहा कि हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है तो जो आत्मनिर्भर हो। ऐसा भारत हो जिसमें गरीबी न हो। इसका मध्यमवर्ग भी आर्थिक रूप से मजबूत हो।

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रुपये पर आ सकता है दबाव

रुपये पर आ सकता है दबाव

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि अगर करेंट अकाउंट डेफिसिट (सीएडी) और बढ़ा तो रुपया दबाव में आ सकता है। रुपये में गिरावट की चुनौती, जो कि अधिकतर दूसरी करेंसियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, यूएस फेड की तरफ से नीतिगत दरों में और वृद्धि की संभावना के चलते बनी हुई है। वहीं ऊंची कीमतों के बीच मजबूत घरेलू मांग से आयात बिल बढ़ेगा। सर्वे के अनुसार ग्रोथ को सहायता देने के लिए घरेलू मांग और पूंजीगत व्यय में वृद्धि होनी चाहिए।

क्रेडिट ग्रोथ में आ सकती है तेजी
इसके अलावा आने वाले सालों में भारत के जनसांख्यिकीय लाभ (डेमोग्राफिक एडवांटेज) और वार्षिक नॉमिनल जीडीपी विकास दर औसतन लगभग 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत रहने की संभावना को देखते हुए, राजकोषीय मापदंडों (फिस्कल पेरामीटर्स) में सुधार जारी रहेगा। वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण के हवाले से कहा कि अगर अगले वित्त वर्ष में महंगाई घटती है और क्रेडिट की वास्तविक लागत (रियल कॉस्ट) में वृद्धि नहीं होती है, तो वित्त वर्ष 2023-24 में क्रेडिट ग्रोथ में तेजी आने की संभावना है।

बढ़ सकता है सीएडी

बढ़ सकता है सीएडी

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि सीएडी का बढ़ना भी जारी रह सकता है क्योंकि वैश्विक कमोडिटी की कीमतें ऊंचे स्तरों पर बरकरार हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था का ग्रोथ मोमेंटम मजबूत बना हुआ है। हेल्थ सेक्टर पर केंद्र और राज्य सरकारों का बजटीय एक्सपेंस वित्त वर्ष 2022-23 (बीई / बजट अनुमान) में जीडीपी के 2.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2021-22 (आरई / संशधित अनुमान) में 2.2 प्रतिशत तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में यह 1.6 प्रतिशत था।

सड़क और हाईवे के लिए सरकारी खर्च
वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल से नवंबर तक सड़क परिवहन और राजमार्गों के लिए केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) 102 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी के साथ 1.49 लाख करोड़ रुपये रहा। सर्वे में कहा गया है कि धीमी मांग से वैश्विक कमोडिटी की कीमतों में कमी आ सकती है और अगले वित्त वर्ष में भारत के सीएडी में सुधार होगा। प्रमुख इंडस्ट्री सीईओ के सर्वेक्षण भी कैपेक्स बढ़ाने के लिए उनकी योजनाओं और प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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फार्मा सेक्टर में एफडीआई

फार्मा सेक्टर में एफडीआई

सर्वे में कहा गया है कि फार्मा क्षेत्र में एफडीआई सितंबर 2022 में 20 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया। इसके अलावा, सितंबर 2022 तक पांच वर्षों में एफडीआई फ्लो चार गुना बढ़कर 69.9 करोड़ डॉलर हो गया। बात करें रक्षा क्षेत्र की तो अप्रैल-नवंबर (2022-23) में रक्षा सेवाओं के लिए केंद्र का कैपेक्स 0.88 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी के साथ 1.52 लाख करोड़ रुपये रहा। कोविड-19 के कारण वैश्विक मांग में कमी के नतीजे में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कच्चे तेल भारत को 20-65 डॉलर प्रति बैरल की रेंज में मिला। भारत में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा क्रूड स्टील उत्पादक बन गया है।

ईज ऑफ डुइंग बिजनेस
आईबीसी मैकेनिज्म भारत में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को सपोर्ट करना जारी रखे हुए है। डीमैट खातों में बढो़तरी के बावजूद इक्विटी कैश सेगमेंट टर्नओवर में इंडिविजुअल निवेशकों की हिस्सेदारी में गिरावट आई है। पिछले कुछ वर्षों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वार्षिक एफडीआई इक्विटी फ्लो लगातार बढ़ रहा है। यह 2020-21 में 12.1 अरब डॉलर से बढ़ कर 2021-22 में 21.3 अरब डॉलर हो गया। वहीं एनएचएआई इनविट ने विदेशी और भारतीय संस्थागत निवेशकों (दिसंबर 2022 तक) से 10,200 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए। 2022-23 में सकल कर राजस्व (ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू) का वार्षिक अनुमान बजट अनुमानों से अधिक होने की उम्मीद है।

English summary

Economic Survey budget 2023 important highlights FM Nirmala sitharaman GDP

It has been said in the Economic Survey that the GDP growth rate in the financial year 2023-24 can be 6-6.8 percent.
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