For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

झटका : सरकार के इस फैसले से 1 जनवरी से महंगा हो सकता है Ola-Uber से सफर

|

नई दिल्ली, दिसंबर 12। रेगुलर ऑटोरिक्शा वाले अक्सर अधिक किराया मांगते हैं या फिर आनाकानी करते हैं,। इसलिए अब भारत में भी ढेरों यात्री ओला, उबर, रैपिडो और क्विक राइड जैसे ऐप आधारित ऑटो पर भरोसा और सफर करना पसंद करते हैं। कई एग्रीगेटर सरकार द्वारा निर्धारित किराए से 50 रुपये तक सुविधा शुल्क या एक्सेस शुल्क वसूल रहे हैं। मगर इसके बावजूद लोग ऐसा कर रहे हैं। हालांकि ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुक की गई ऑटो रिक्शा की सवारी नए साल से महंगी होने की संभावना है, क्योंकि केंद्र ने 1 जनवरी से ऑनलाइन बुक की गई ऐसी राइड पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया है।

डबल फायदा : Electric Car खरीदने पर मिलेंगे 3 लाख रु, जानिए कैसेडबल फायदा : Electric Car खरीदने पर मिलेंगे 3 लाख रु, जानिए कैसे

उबर ने की थी मांग

उबर ने की थी मांग

हालांकि ऐप आधारित एग्रीगेटर उबर ने इस कदम पर फिर से विचार करने की मांग की थी। उबेर की तरफ से कहा गया था केंद्र ने घोषणा की है कि वह मौजूदा छूट को समाप्त करते हुए 1 जनवरी से ऑनलाइन बुक की गई ऑटो सवारी पर 5 फीसदी जीएसटी लगाएगा। जबकि सड़कों पर होने वाली ऑटो की सवारी जीएसटी मुक्त बनी रहेगी। उबर ने कहा था कि हम सरकार के रेवेन्यू जनरेट करने की आवश्यकता की सराहना करते हैं, पर हम इस टैक्स पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हैं, जो अंत में ऑटो चालकों की कमाई के साथ-साथ सरकार के डिजिटलीकरण एजेंडे को नुकसान पहुंचाएगा।

जीएसटी छूट की मांग

जीएसटी छूट की मांग

उबर ने कहा कि हम सरकार से राइड-शेयरिंग इंडस्ट्री में ऑनलाइन ऑटो उत्पादों के लिए जीएसटी छूट को बहाल करने का आग्रह करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यात्री, ड्राइवर और शहर इस सेक्टर में डेवलपमेंट से फायदा उठाते रहें।

ड्राइवरों की कमाई पर कट

ड्राइवरों की कमाई पर कट

कोविड-19 के कारण कमाई में गिरावट आई है। सरकार का भी रेवेन्यू कम हुआ है। सरकार अब ड्राइवरों की कमाई में 5 फीसदी की कटौती करने जा रही है। ऑटो-रिक्शा चालकों के संघ पीस ऑटो के प्रतिनिधि ने भी केंद्र सरकार से टैक्स वापस लेने को कहा है। बता दें कि इससे राइड भी महंगी हो सकती है, जिससे यात्रियों की जेब पर बोझ पड़ेगा।

बुरे बिजने पर निगेविट असर

बुरे बिजने पर निगेविट असर

एक रिपोर्ट के अनुसार रैपिडो के सह-संस्थापक अरविंद सांका ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की जा रही नई नीति के मद्देनजर, ओवरऑल राइड हेलिंग बिजनेस पर ड्राइवर और यात्री दोनों के लिए काफी निगेटिव प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा यह पॉलिसी ऑटो सवारी का विकल्प चुनने वाले कंज्यूमर की दर को कम कर सकती है, जो कि आने-जाने के लिए कम परेशानी वाला ऑप्शन है।

ई-कॉमर्स इंडस्ट्री पर असर

ई-कॉमर्स इंडस्ट्री पर असर

इस फैसले का ई-कॉमर्स इंडस्ट्री फर्मों पर भी सीधा प्रभाव पड़ेगा जो यात्रियों से जुड़ने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ बड़ी संख्या में ऑटो रिक्शा चालकों की सप्लाई करती हैं। सवारी की व्यवस्था के अपने कम खर्चीले, अधिक सुविधाजनक और अधिक लचीले तरीके के कारण, ई-कॉमर्स बिजनेस ने पैसेंजर ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज की सुविधा के लिए बाजार में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। दूसरी ओर, जानकारों का भी मानना है कि यह भारत में अपनी सेवाओं का विस्तार करने की कोशिश कर रहे बहुराष्ट्रीय कंपनियों को गलत संकेत भेज सकता है।

English summary

Due to GST traveling by Ola Uber can be expensive from January 1

App-based aggregator Uber had sought a re-look at the move. Uber was told by the Center that it will levy 5 per cent GST on auto rides booked online from January 1, eliminating the existing exemption.
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X