SpiceJet : कर्मचारियों की मार्च वेतन में 30% कटौती की घोषणा
कोरोना के खतरे को देखते हुए देश भर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान जरूरी सामानों के अलावा सारे कामकाज ठप्प पड़ चुके हैं। वहीं, हवाई से लेकर रेल यात्रा तक बंद कर दी गई है।
नई दिल्ली: कोरोना के खतरे को देखते हुए देश भर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान जरूरी सामानों के अलावा सारे कामकाज ठप्प पड़ चुके हैं। वहीं, हवाई से लेकर रेल यात्रा तक बंद कर दी गई है। ऐसे में कोरोना वायरस का असर अब विमानन कंपनियों पर भी देखने को मिल रहा है। दरअसल सभी हवाई यात्राओं के रद्द होने से कंपनियों को जबरदस्त नुकसान हो रहा है। इसके चलते कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर रही हैं।
स्पाइसजेट के कर्मचारियों के साथ अधिकारियों के वेतन में भी कटौती की जाएगी। वहीं कंपनी के चेयरमैन अजय सिंह ने सबसे ज्यादा अपनी ही सैलरी में 30 पर्सेंट कटौती का फैसला लिया है। मंगलवार को कंपनी ने अपने सभी कर्मचारियों को ईमेल भेजकर सैलरी में कटौती किए जाने की जानकारी दी है। एयरलाइन ने अपने ईमेल में लिखा कि स्पाइसजेट मैनेजमेंट ने कंपनी के कर्मचारियों की मार्च महीने की सैलरी में 10 से 30 पर्सेंट तक की कमी करने का फैसला लिया है। हमारे चेयरमैन और मैनेजिंग डाय़रेक्टर अजय सिंह ने सबसे ज्यादा अपनी ही सैलरी में 30 फीसदी की कमी का फैसला लिया है।
मालूम हो कि स्पाइसजेट से पहले इंडिगो और गोएयर जैसी कंपनियां पहले ही कर्मचारियों की सैलरी में कमी किए जाने का ऐलान कर चुके हैं। कंपनी ने कर्मचारियों को भेजे मेल में लिखा, 'यह बेहद ही कठिन समय है और यह जरूरी हो गया है कि इस चुनौती से निपटने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जाएं।' वहीं स्पाइसजेट ने कहा कि इस कठिन समय का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ज्यादातर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती का फैसला लिया है। वहीं कंपनी ने कहा कि दुर्भाग्य से स्पाइसजेट भी इस कठिन समय को झेलने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है।
दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमण के संकट के चलते उड़ानों को लगभग कैंसल कर दिया गया है। इससे एविएशन सेक्टर को बड़ा नुकसान पहुंचा है। कंपनी ने कहा कि इस संकट के दौर में स्वयं को बचाए रखने के लिए कठिन फैसले लेना जरूरी है। बता दें कि स्पाइसजेट ने अन्य तमाम एयरलाइन कंपनियों की तरह ही अप्रैल महीने के अंत तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को पूरी तरह से सस्पेंड कर दिया है।
दूसरी तरफ तेलंगाना और महाराष्ट्र की सरकार ने भी मार्च के महीने में कर्मचारियों की सैलरी में कटौती का फैसला लिया है। दोनों ही राज्य सरकारों ने कहा कि लॉकडाउन के चलते उनके राजस्व में कमी आई है, ऐसे में उनके लिए सैलरी कटौती का फैसला जरूरी हो गया था।
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