डबल फायदा : Electric Car खरीदने पर मिलेंगे 3 लाख रु, जानिए कैसे
नई दिल्ली, दिसंबर 4। गोवा सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए 5 साल की अवधि के लिए गोवा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन पॉलिसी 2021 (जीईएमपीपी) शुरू की है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, विभिन्न राज्यों के परिवहन मंत्री और अन्य सरकारी और उद्योग अधिकारियों की उपस्थिति में 'राउंड टेबल टू प्रमोशन इलेक्ट्रिक मोबिलिटी' कार्यक्रम के दौरान इस पॉलिसी का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सावंत ने कहा कि पॉलिसी का अहम मकसद राज्य में बैटरी से चलने वाले वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। पॉलिसी के तहत, सरकार का लक्ष्य 2025 तक कम से कम 30 प्रतिशत वाहनों का विद्युतीकरण करना है।
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3 लाख रु की सब्सिडी
इस पॉलिसी में दोपहिया, तिपहिया और चौपहिया इलेक्ट्रिक वाहन शामिल होंगे। राज्य सरकार दोपहिया वाहनों के लिए 30 फीसदी और तिपहिया वाहनों के लिए 40 फीसदी सब्सिडी देगी। वहीं चार पहिया वाहनों पर 3 लाख रु तक की सब्सिडी दी जाएगी। हालांकि, यह पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर लगभग 400 वाहनों को दिया जाएगा। इस समय देश में पेट्रोल काफी महंगा है, जिससे यदि आप इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं तो आपको सब्सिडी के साथ साथ ईंधन पर भी कम खर्च करना होगा। यानी आपको डबल फायदा होगा।
रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलिसी का लक्ष्य 2025 तक 10,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करना है और ई-वाहनों की मांग से राज्य में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हम मैन्युफैक्चरिंग पर इंसेंटिव्स दे रहे हैं। साथ ही गोवा में रजिस्टर्ड ई-वाहनों की सभी कैटेगरियों पर लागू होने वाले पांच साल तक के रोड टैक्स में छूट दी जाएगी।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित होगा
पॉलिसी के तहत राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को सब्सिडी भी देगी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राजमार्गों पर हर 25 किलोमीटर पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करेगी, जबकि शहर में चार्जिंग स्टेशन राजमार्गों की तुलना में कम दूरी पर होंगे। कारएंडबाइक की रिपोर्ट के अनुसार सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि हम गोवा में एक सफल ईवी सम्मेलन आयोजित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को बधाई देते हैं।
दिल्ली सरकार ने खत्म की सब्सिडी
इधर पिछले महीने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक कारों पर सब्सिडी बंद कर दी है और इस योजना को आगे बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक कारों के सेगमेंट को दिल्ली में आवश्यक सपोर्ट मिला है। उनका ध्यान अब इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के दोपहिया, फ्रेट एंड पब्लिक ट्रांसपोर्ट और सार्वजनिक परिवहन सेगमेंट पर है क्योंकि वे दिल्ली के 10 मिलियन से अधिक रजिस्टर्ड वाहनों का एक बड़ा हिस्सा हैं।
कितना मिल रहा था फायदा
दिल्ली में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए केजरीवाल सरकार ने टाटा नेक्सन ईवी या टिगोर ईवी की खरीद पर 3.03 लाख रु तक के बेनेफिट देने का फैसला किया था। दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है और ज्यादा ईवी के इस्तेमाल से इसे कम करने के लिए ये फैसला लिया था। खरीदारों को नयी टाटा ईवी खरीदने पर 1.5 लाख रु का इंसेंटिव दिया जा रहा था। मॉडल और वेरिएंट के आधार पर रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में छूट दी जा रही थी जो 1.53 लाख रु तक थी।