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नोटबंदी : आम आदमी हुआ था परेशान, पर सरकार पर अब भी बरस रहा इस तरह पैसा

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Demonetisation : करीब 6 साल पहले जब नोटबंद हुई थी तो आम आदमी बहुत परेशान हुआ था। मगर उससे सरकार को फायदा हुआ और अब तक हो रहा है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की एक सदस्या हैं आशिमा गोयल। उन्होंने कहा है कि सरकार के टैक्स कलेक्शन में जो वृद्धि हो रही है, वो नोटबंदी के कारण हो रही है। आशिमा के अनुसार टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी नोटबंदी के कारण हो रही है। उनके मुताबिक वो देश एक बेहतर स्थिति की ओर बढ़ता है, जहां बड़े स्तर पर छोटे टैक्स लगाए जाते हैं।

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नोटबंदी : सरकार पर अब भी बरसा रही पैसा, जानें कैसे

क्या है नोटबंदी
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब चलने वाले 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। ये एक ऐसा फैसला था, जिसे अचानक ही लागू कर दिया गया। इस निर्णय का एक प्रमुख उद्देश्य काले धन के फ्लो को रोकना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना था।

शॉर्ट टर्म में नोटबंदी नुकसानदेह
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार आशिमा कहती हैं कि यह नोटबंदी के कुछ शॉर्ट टर्म नुकसान हुए, मगर इसके लंबी अवधि के काफी फायदे रहे। जैसे कि इससे अर्थव्यवस्था में डिजिटलीकरण और फॉर्मलाइजेशन बढ़ी और टैक्स चोरी कम हुई। उनके मुताबिक इसमें अभी और भी विस्तार होना है।

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टैक्स में उछाल
आशिमा दोहराती हैं कि नोटबंदी ने टैक्स में आने वाले उछाल में योगदान दिया जिससे आज देश को फायदा हो रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टैक्स डिपार्टमेंट ने 9 अक्टूबर को कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक कॉर्पोरेट और इंडिविजुअल अर्निंग पर टैक्स का ग्रॉस कलेक्शन लगभग 24 प्रतिशत बढ़ कर 8.98 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

जीएसटी कलेक्शन
जीएसटी कलेक्शन लगातार सातवें महीने 1.40 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा। ये सितंबर में 1.47 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है। ये टैक्स कलेक्शन में बड़े उछाल को दर्शाता है। हाल ही में, रिजर्व बैंक ने कहा था कि यह जल्द ही भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, भुगतान प्रणाली को अधिक एफिशिएंट बनाने और मनी लॉन्ड्रिंग पर नकेल कसने के लिए विशिष्ट उपयोग के मामलों के लिए ई-रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च शुरू करेगा।

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सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर एक कॉन्सेप्ट नोट में, आरबीआई ने कहा कि सीबीडीसी का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा फॉर्म को बदलने के बजाय इसका पूरक तैयार करना है और यूजर्स को एक अतिरिक्त भुगतान एवेन्यू प्रदान करने की परिकल्पना की गई है, न कि मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलने की। बता दें कि सीबीडीसी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप होगा। जबकि दुनिया भर के अधिकांश केंद्रीय बैंक सीबीडीसी जारी करने की सोच रहे हैं, इसके जारी करने की प्रमुख प्रेरणा प्रत्येक देश की विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए अलग है। वहीं भारत के बढ़ते व्यापार घाटे पर एक सवाल के जवाब में, आशिमा ने कहा कि घाटे को कम करने के लिए कई नीतिगत योजनाएं उपलब्ध हैं। शॉर्ट टर्म आइडिया में एक्सचेंज रेट मूल्यह्रास और कुल मांग को कम करना शामिल है।

English summary

Demonetisation upset common man but the government is still gaining money in tax

According to Ashima, the increase in tax collection is due to demonetisation. According to him, that country moves towards a better position, where small taxes are levied on a large scale.
Story first published: Wednesday, October 26, 2022, 18:38 [IST]
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