Delhi High Court : चोरी के वाहन से दुर्घटना पर भी बीमा कंपनी को देना होगा क्लेम
नई दिल्ली, जनवरी 20। चोरी के वाहन से दुर्घटना के एक मामले में बीमा क्लेम पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट के अनुसार ऐसे मामले में भी बीमा कंपनी क्लेम देने के लिए उत्तरदायी होगी। दिल्ली उच्च न्यायालय के अनुसार एक बीमा कंपनी मृतक के परिवार को मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, भले ही आपत्तिजनक (जिससे एक्सीडेंट हुआ) वाहन चोरी का हो और किसी और द्वारा अनधिकृत रूप से उसे चलाया गया हो।
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किस मामले में मिलेगी राहत
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा कि एक बीमा कंपनी अपनी देनदारी से केवल तब ही बच सकती है जब वह यह दिखाने में कामयाब हो कि बीमाधारक की तरफ से पॉलिसी का जानबूझकर उल्लंघन किया गया है। यह आदेश युनाइटेड इंश्योरेंस (अपीलकर्ता) की एक याचिका पर दिया गया, जिसमें ट्रिब्यूनल के वाहन के चालक के खिलाफ रिकवरी का अधिकार देने के आदेश को चुनौती दी गई थी।
क्या है पूरा मामला
अब जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है। दरअसल एक ईको कार बहुत तेज और लापरवाही के साथ चलाई जा रही थी। दूसरी बात यह कार एक व्यक्ति ने चोरी की थी। चोरी की कार को लिमिट से अधिक तेज चलाते हुए ड्राइवर ने एक स्कूटी को टक्कर मार दी। इससे स्कूटी चालक की मृत्यु हो गयी। ट्रिब्यूनल के सामने बात आई कि वाहन चालक ने ईको कार को चोरी किया था। चोरी की रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज थी।
क्या थी बीमा कंपनी की दलील
बीमा कंपनी ने तर्क दिया कि वाहन चोरी हो गया था और एक पेशेवर चोर द्वारा चलाया जा रहा था और इसलिए, राशि का भुगतान करने के लिए बीमा कंपनी पर कोई दायित्व नहीं बनता। इसलिए अदालत के सामने सवाल यह था कि क्या बीमा कंपनी उस मामले में राशि का भुगतान करने के दायित्व से मुक्त है जहां वाहन चोरी हो गया था और अनधिकृत रूप से किसी और द्वारा चलाया जा रहा था। कोर्ट ने माना कि ट्रिब्यूनल के आदेश में कोई कमी नहीं थी और बीमा कंपनीव की अपील को खारिज कर दिया।