साइरस मिस्त्री : जानिए उनका उद्योग जगत में योगदान
नई दिल्ली, सितंबर 4। रविवार 4 सितंबर को टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। साइरस मिस्त्री भारत के मशहूर उद्योगपति शापूरजी पालोनजी के छोटे बेटे थे। इसी वर्ष जून में शापूरजी पालोनजी का निधन हो गया था। 54 वर्षीय मिस्त्री को उद्योग जगत का व्यापक अनुभव था। इसी वजह से उन्हें टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। हालांकि सिर्फ 4 वर्ष ही वे इस पद में रहे। टाटा समूह में विवाद के बाद उन्हें इस पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल से भी पढ़ाई की
4 जुलाई, 1968 को साइरस मिस्त्री का जन्म हुआ था। मिस्त्री ने शुरुवाती पढ़ाई मुंबई में करने के बाद वे कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गए। उसके बाद उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल से भी पढ़ाई की। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से वर्ष 1996 में इंटरनेशनल एग्जिक्यूटिव मास्टर्स की डिग्री हासिल की।
उन्हें वर्ष 2012 में टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया
उन्होंने अपने करियर की शुरुवात शापोरजी पालोनजी ग्रुप के कंस्ट्रक्शन बिजनेस से की। उन्हे वर्ष 1991 में शापोरजी पालोनजी एंड कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया। मिस्त्री शापोरजी पालोनजी एंड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे। वर्ष 2012 में मिस्त्री को टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था। वे वर्ष 2016 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। विवाद के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दोनों पक्षों में लंबी लड़ाई के बाद इसका समाधान निकला।
इस ग्रुप का बिजनेस 50 से भी अधिक देशों में
भारत के सबसे पुराने और बिजनेस समूह में से एक है शापोरजी पालोनजी ग्रुप। इस ग्रुप को स्थापना लगभग 157 वर्ष पहले हुई थी। इसके व्यापार में 6 बड़े सेगमेंट है। इनमें इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, वाटर एनर्जी एंड फाइनेंशिनेंयल सर्विसेज शामिल हैं। इस समूह के पास 18 बड़ी कंपनियां है। यूरेका फॉर्ब्स और एक्वागार्ड इसके प्रख्यात ब्रांड्स हैं। 50 से भी अधिक देशों में शापोरजी पालोनजी ग्रुप का बिजनेस फैला हुआ है। इस ग्रुप की टाटा संस में 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सबसे बड़ी इंडिविजुअल हिस्सेदारी इस समूह की टाटा संस में है।