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Crude Oil : अप्रैल में घटा आयात, पर रिफाइंड प्रोडक्ट का निर्यात बढ़ा

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नयी दिल्ली। अप्रैल में भारत के कच्चे तेल के आयात में साल दर साल आधार पर 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। दरअसल कोरोनोवायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां ठप्प हो गईं, जिससे मांग में कमी आई। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल की वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में कच्चे तेल का आयात एक साल पहले की तुलना में 12.4 प्रतिशत घटकर 17.28 मिलियन टन रह गया, जो कि जून 2019 से आई सबसे बड़ी गिरावट है। तेल उत्पादों का आयात भी 6.5 फीसदी घटकर 3.35 मिलियन टन रह गया। इसमें साल दर साल आधार पर पिछले 16 महीनों में पहली बार गिरावट आई है। अप्रैल में ईंधन की मांग भी 45 फीसदी से अधिक गिर गई। इसकी वजह भी लॉकडाउन से औद्योगिक गतिविधियों का बंद होना है।

रिफाइंड उत्पादों का निर्यात बढ़ा

रिफाइंड उत्पादों का निर्यात बढ़ा

घरेलू मांग में भारी गिरावट के कारण अक्टूबर 2016 के बाद से रिफाइंड उत्पादों के निर्यात में साल-दर-साल आधार पर सबसे अधिक वृद्धि हुई। दरअसल भारतीय रिफाइनर्स पूरी तरह कारोबार बंद करने से बचने के लिए रिफाइंड ईंधन का निर्यात करते रहे। रिफाइंड उत्पादों का निर्यात एक साल पहले की तुलना में 37 प्रतिशत बढ़ कर 6.04 मिलियन रहा। इनमें डीजल का निर्यात, जो एक्सपोर्ट का प्रमुख हिस्सा है, अप्रैल में साल दर साल आधार पर 68 प्रतिशत बढ़कर 3.40 मिलियन टन रहा।

घटेगी पेट्रोलियम उत्पादों की मांग
 

घटेगी पेट्रोलियम उत्पादों की मांग

इस बीच इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) ने अपनी मई तेल मार्केट रिपोर्ट में कहा है कि भारत की पेट्रोलियम उत्पाद की माँग 2020 में आठ प्रतिशत घट कर 4,597 हज़ार बैरल प्रति दिन (केबीडी) रह जाएगी। वहीं रिपोर्ट में 2020 की पहली तिमाही पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले में तेल की मांग 180 केबीडी और दूसरी तिमाही में 1.3 मिलियन बैरल प्रति दिन गिरने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक साल की अंतिम तिमाही में खपत अपने एक साल पुराने लेवल पर आ सकेगी।

 पेट्रोल की मांग भी घटेगी

पेट्रोल की मांग भी घटेगी

दूसरी तिमाही में पेट्रोल की मांग 350 केबीडी और डीजल की मांग 690 केबीडी गिरने का अनुमान है। कुल मिला कर 2020 में भारत की तेल की मांग गिर कर 4.60 मिलियन बैरल प्रति दिन रहने का अंदाजा लगाया गया है, जो 2019 में 5.01 मिलियन बैरल प्रति दिन रही थी। एजेंसी को उम्मीद है कि 2020 में भारत के घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन में भी गिरावट जारी रहेगी। रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले महीनों में कच्चे तेल का उत्पादन कम रहेगा और 2020 में 0.75 मिलियन बैरल प्रति दिन तक गिर सकता है, जो 2019 0.80 मिलियन बैरल प्रति दिन दर्ज किया गया था।

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English summary

Crude Oil Imports decreased in April demand for petroleum products to decline in 2020

Crude oil imports fell 12.4 percent to 17.28 million tonnes in April from a year earlier, the biggest decline since June 2019.
Story first published: Saturday, May 23, 2020, 16:55 [IST]
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