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Credit Suisse : अब ये कंपनी ला सकती है 2008 जैसी मंदी, जानिए 27 तारीख महत्वपूर्ण क्यों

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नई दिल्ली, अक्टूबर 04। एक बार फिर से 2008 जैसी मंदी का संकट गहरा गया है। इस बार स्विटजरलैंड की दिग्गज एमएनसी वित्तीय सेवा कंपनी क्रेडिट सुइस के कारण ऐसा हुआ है। इस कंपनी का सोमवार को 12 फीसदी गिर कर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। इस गिरावट से कंपनी की वित्तीय स्थिति को लेकर चिंता और बढ़ गयी है। आशंकाएं ऐसी भी जताई जाने लगी हैं कि क्रेडिट सुइस डूब सकता है, जो कि दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक है। अगर ऐसा हुआ तो इसका असर पूरी दुनिया में देखने को मिलेगा। इसीलिए 2008 जैसी मंदी के संकट की बात चल रही है।

 

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निवेशकों को दे रहा भरोसा

निवेशकों को दे रहा भरोसा

बैंक की तरफ से निवेशकों को भरोसा दिलाया जा रहा है। बैंक का कहना है कि एक योजना के जरिए वह अपनी स्थिति सुधार सकता है। मगर आशंका यह है कि इसका हाल ङी लीमैन ब्रदर्स की तरह का हो सकता है, जिसके नतीजे में मंदी आ सकती है। लीमैन ब्रदर्स ने 2008 में दिवालिया होने के लिए आवेदन किया था। उससे पूरी दुनिया प्रभावित हुई थी। मगर जानकारों का कहना है कि यह 2008 नहीं है, यानी उन्हें भरोसा कि वैसा संकट नहीं आएगा।

क्यों हो रहा घाटा
 

क्यों हो रहा घाटा

क्रेडिट सुइस ने पिछले साल आर्कगोस कैपिटल मैनेजमेंट में निवेश किया था। इसे तब से ही घाटा हो रहा है। क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप्स (सीडीएस) की लागत बढ़ी, जिससे इसके शेयर में निवेशकों ने जम कर बिकवाली की। असल में सीडीएस बैंकों की सेहत मापने का एक तरीका है। इसके बढ़ने पर बैंक के डूबने की आशंका काफी बढ़ जाती है।

27 अक्टूबर है अहम तारीख

27 अक्टूबर है अहम तारीख

इस मामले में आगामी 27 अक्टूबर बहुत अहम होगी। क्योंकि उस दिन क्रेडिट सुइस अपनी आपातकालीन स्ट्रैटजी पर चर्चा करने जा रहा है। निवेशक इस बात तको लेकर परेशान हैं कि बैंक रिकवरी के लिए योजना तो बना रहा है, मगर इसके लिए पैसा कहां से आएगा। वह भी एक ऐसे समय पर जब ये भारी घाटे में है।

पहले भी बनी है ऐसी स्थिति

पहले भी बनी है ऐसी स्थिति

एक समय ड्यूश बैंक भी ऐसी स्थिति में था। वे भी इसी तरह की कंडीशन का सामना कर चुका है। ड्यूश बैंक जर्मनी का दिग्गज बैंक है। 2016 और 2017 में इसके सीडीएस में काफी अधिक उछाल आई। मगर इसे बैंक ने संभाल लिया था। उससे पहले 2011 में मॉर्गन स्टेनले की भी ऐसी हालत थी। मगर वे भी इस स्थिति से निकल गया था। क्रेडिट सुईस का शेयर अपने रिकॉर्ड लेवल से 95 फीसदी से अधिक गिर चुका है।

शेयर और म्यूचुअल फंड निवेशकों पर असर

शेयर और म्यूचुअल फंड निवेशकों पर असर

इधर भारत में फंड मैनेजरों का मानना है कि स्थिति अप्रत्याशित है। यानी कुछ भी हो सकता है। ऐसे में शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेशकों को उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए। निवेशकों को अगले दो महीनों के लिए इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव से मुकाबला करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनका मानना है कि निवेशकों को उनके पोर्टफोलियो पर असर देखने को मिलेगा। यही वो समय है कि जब ज्यादातर निवेश विशेषज्ञ निवेशकों को संकट की स्थिति में अपनी निवेश योजनाओं पर टिके रहने के लिए कहते हैं।

English summary

Credit Suisse Now this company can bring recession like 2008 know why 27th is important

The investors are being assured by the bank. The bank says that through a scheme it can improve its position. But there are fears that its condition could be similar to that of Lehman Brothers, which could result in a recession.
Story first published: Tuesday, October 4, 2022, 14:13 [IST]
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