Credit Card : फेस्टिव सीजन की शॉपिंग से पहले जानें 10 जरूरी पॉइंट्स, फायदे में रहेंगे
नई दिल्ली, सितंबर 09। क्रेडिट कार्ड एक उपयोगी साधन है। यह लोगों को एक निर्धारित समय के लिए बिना ब्याज के पैसे उधार लेने की सुविधा देता है। पैसा खर्च करने और उसे भरने के लिए के लिए ठीक-ठाक समय मिल जाने की वजह से यह सुविधा ग्राहको के बीच काफी लोकप्रिय है। हालांकि अगर इसे समझदारी से उपयोग नहीं किया जाता है तो क्रडिट कार्ड आपके लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। देश में त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है, इस समय लोग क्रडिट कार्ड का प्रयोग करके तमाम तरह की चिजें खरीदते हैं, लेकिन अगर खरीदारी के लिए इसका प्रयोग सुझ-बुझ से नहीं किया गया तो यह आपको मुश्किल में डाल देगा। यहां हम आपको क्रेडिट कार्ड के विषय में 10 जरूरी बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में पता होना सबके लिए आवश्यक है।
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लगने वाले चार्ज के बारे में पता होना चाहिए
क्रेडिट कार्ड देने के साथ-साथ बैंक कई तरह के शुल्क लगाते हैं। इन शुल्को में कार्ड जारी करने की फीस, सालाना फीस, कार्ड चेंज करने की फीस, कार्ड स्टेटमेंट फीस आदि शामिल होती हैं। यदि आप पहली बार क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहें हैं तो इन सभी शु्ल्कों के विषय में ठीक से जान लेना बहुत जरूरी है।
क्या होती है ब्याज दर
क्रेडिट कार्ड कम अवधि के ऋण के रूप में काम करते हैं, जिस पर कोई ब्याज नहीं लगता है, बशर्ते देय राशि का समय पर भुगतान किया गया हो। आमतौर पर यह ब्याज-मुक्त अवधि 50 दिनों तक की होती है। आपके पास बकाया चुकाने के लिए क्रेडिट चक्र के पहले दिन से शुरू होने वाले 50 दिन होते हैं। यदि आप समय सीमा चूक जाते हैं, तो आपसे बकाया बिल राशि पर लेट फीस या और ब्याज वसूला जाता है।
हर कार्ड की होती है क्रेडिट लिमिट
एक क्रेडिट कार्ड से आप कितना पैसा खर्च कर सकते हैं, इसकी एक सीमा बैंक तय करते हैं। खर्च करने की तय सीमा के भीतर ही ग्राहक को स्पेंड लिमिट मिलती है। उसी लिमिट के भीतर पैसा खर्च किया जा सकता हैं। क्रेडिट लिमिट तय करने की क्राइटेरिया होती है। यह कार्डधारक के क्रेडिट स्कोर, पेमेंट हिस्ट्री, आय और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो जैसी कारको पर निर्भर करता है। इन कारणो के आधार पर क्रेडिट लिमिट अलग-अलग हो सकती है।
न्यूनतम बकाया राशि का रखे ध्यान
आपके कार्ड की ब्याज-मुक्त अवधि के अंत में ग्राहक को या तो कुल बकाया राशि जमा करनी होती है या न्यूनतम देय राशि (एमएडी) का भुगतान करना होता है। न्यूनतम देय राशि आम तौर पर बकाया बिल का 5 प्रतिशत होता है। न्यूनतम बिल भरने से क्रेडिट कार्ड एक्टिव रखा जा सकता है, हालांकि बकाया राशि पर ब्याज लगता रहेगा।
क्रेडिट कार्ड बिल स्टेटमेंट
हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को ध्यान से जरूर देखना चाहिए। आपने महीने के भीतर क्या खर्च किया, कहां ज्यादा खर्च किया, इससे संबंधित विवरण क्रडिट कार्ड स्टेटमेंट रहते हैं। इन विवरणों के जरिये आपको किसी भी गलतियों के बारे में पता चलता है।
क्या होती है क्रेडिट साइकिल
लेट फीस या ब्याज भरने से बचने के अपने क्रेडिट कार्ड के बिलिंग चक्र यानि की साइकिल को समझने की सबसे ज्यादा जरूरत है। मान लिजिए यदि किसी ग्राहक का क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट हर महीने की 2 तारीख को जेनरेट होता है तो इसका मतलब है कि उस ग्राहक का क्रेडिट चक्र पिछले महीने की 3 तारीख से शुरू हुआ था या होता है और चल रहे महीने के 2 तारीख को समाप्त होता है। देय राशि का भुगतान करने के लिए ग्राहक को अपने बिलिंग चक्र की शुरुआत से 50 दिन का समय मिलता है।
रिवॉर्ड और कैशबैक का क्या है मतलब
क्रेडिट कार्ड का एक फायदा यह है कि यह आपके खरीदारी के अनुभव को कैशबैक ऑफर और रिवॉर्ड से और बेहतर कर देते हैं। नियमित उपयोग करने के साथ साथ आप रिवॉर्ड पॉइंट हासिल करते हैं। जिसका उपयोग आप तमाम मर्चेंट के पास शॉपिंग के लिए कर सकते हैं।
कैश की क्या है सुविधा
डेबिट कार्ड की तरह ग्राहकों को एटीएम से नकदी निकालने की सुविधा होती है लेकिन क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके इसमें ब्याज अधिक लगता है।