Gold : वैक्सीन आने से क्या गोल्ड का रेट और ऊपर जाएगा, जानें यहां
भारत में सोने की कीमतें पहली बार अगस्त में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची थीं।उसकी वजह थी महामारी की वजह से बढ़ रही चिंताएं, जिसके चलते लोग सोने में निवेश करना पसंद कर रहे थे।
नई दिल्ली: भारत में सोने की कीमतें पहली बार अगस्त में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची थीं। उसकी वजह थी महामारी की वजह से बढ़ रही चिंताएं, जिसके चलते लोग सोने में निवेश करना पसंद कर रहे थे, क्योंकि ये निवेश का एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है।
खूब बढ़ी सोने की चमक
2020 में कोरोना संकट के कारण सोने की चमक खूब बढ़ी और यह 58,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसने निवेशकों को खूब रिटर्न दिया। महामारी के कारण दुनियाभर में छाई आर्थिक सुस्ती और सिस्टम में सरप्लस लिक्विडिटी से सोने में खूब उछाल आई। अब देखना यह है कि वैक्सीन की उम्मीदों के बीच क्या इस साल भी सोना निवेशकों की उम्मीदें पर खरा उतर पाएगा। 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू होने वाला है। क्या सोना स्टॉक और रियल एस्टेट जैसे अन्य निवेश ज्यादा शानदार रिटर्न देगा।
11,004 हजार रु की भारी बढ़ोतरी हुई सोना में
पिछले साल 1 जनवरी को सोने की कीमत 39,119 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। अगस्त में यह 58,000 रुपये के ऑल टाइम हाई स्तर पर पहुंच गया था। लेकिन उसके बाद इसमें गिरावट आई और 31 दिसंबर को इसकी कीमत 50,123 रुपये थी। इसका मतलब यह हुआ कि साल की शुरुआत में 100 ग्राम सोना 3.91 लाख रुपये में खरीदा था, उसने एक साल में 1.1 लाख रुपये का प्रॉफिट कमाया। इंटरनैशनल मार्केट में सोना अगस्त में करीब 2080 डॉलर प्रति औंस के भाव पहुंच गया था और अभी 1840 डॉलर के आसपास है।
सोने में 28 फीसदी का आया उछला
सोने की कीमत पिछले कुछ सालों से बढ़ रही है और 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण इसमें उछाल आई। 2019 में इसमें 22 फीसदी की तेजी आई थी जबकि 2020 में यह 28 फीसदी उछला। भारत में सोने की कीमत ग्लोबल ट्रेंडस से प्रभावित होती हैं। वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण ग्लोबल इकनॉमिक रिकवरी के लिए मुश्किल हो गई है। इसके अलावा दुनियाभर में कम ब्याज दरों और यूएस डॉलर में कमजोरी सोने के लिए सकारात्मक हो सकती है। अभी गोल्ड स्पॉट 1900 डॉलर प्रति औंस के आसपास है। इस साल यह 1980 डॉलर और फिर 2050 डॉलर तक जा सकती है।
रियल एस्टेट के मुकाबले सोना ने काफी अधिक रिटर्न दिया
वहीं अगर हम रियल एस्टेट की तुलना में देखें तो सोने ने काफी अधिक रिटर्न दिया है। रियल एस्टेट की कीमतों में पिछले कुछ समय से ठहराव आ गया है। होम प्राइस इंडेक्स 2020-21 की दूसरी तिमाही में 1.1 फीसदी बढ़ा जबकि उससे पिछली तिमाही में यह 2.8 फीसदी और पिछले साल की समान तिमाही में 3.3 फीसदी बढ़ा था। 2020 में गोल्ड ने सभी एसेट क्लास में सबसे अच्छा रिटर्न दिया। इसने शेयर और रियल एस्टेट से अच्छा रिटर्न दिया। पिछले साल बीएसई सेंसेक्स ने 15.75 फीसदी रिटर्न दिया।
वैक्सीन को लेकर सोने में तेजी की उम्मीद बढ़ी
दुनियाभर में प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती करके इस लगभग जीरो कर दिया है और कम से कम अगले एक साल तक ये इसी स्तर पर रहेगा। इसके साथ ही मार्केट में लिक्विडिटी मुहैया कराने के लिए भी सेंट्रल बैंक्स आक्रामक रुख दिखा रहे हैं। इन सबका इकॉनमी पर असर होगा और इससे सोने की कीमतों में तेजी आएगी। दुनियाभर में लिक्विडिटी पुश से सोने की कीमतें बढ़ेंगी। सितंबर तिमाही में देश में सोने के गहनों की मांग में 48 फीसदी कमी आई और यह 52.9 टन रही। पिछले साल समान तिमाही में यह 101.6 टन थी। कीमतों में बढ़ोतरी और लॉकडाउन के कारण सोने का गहनों की मांग प्रभावित हुई। हालांकि तीसरी तिमाही में कुल निवेश मांग 52 फीसदी बढ़कर 33.8 फीसदी रही जो 2019 की समान तिमाही में 22.3 टन थी। वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में उम्मीद बढ़ गई है। माना जा रहा है कि 2021 में जन जीवन पूरी तरह पटरी पर लौट आएगा और चीजें तेजी से सामान्य होंगी। इस कारण सोने की कीमत में कुछ गिरावट आई है लेकिन कई जानकारों का कहना है कि स्थिति उतनी सहज नहीं है जितनी उम्मीद की जा रही है। यह वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तेजी और सफलता पर निर्भर है। अगर इसमें कुछ दिक्कत होती है तो इससे सोने की कीमतों में तेजी आएगी।
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