कोरोनावायरस का कहर : लॉकडाउन के कारण होगा 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
नयी दिल्ली। पीएम मोदी ने तीन हफ्तों के लिए पूरे भारत में लॉकडाउन का ऐलान किया है। इस लॉकडाउन का असर कारोबारों पर पड़ेगा। इसी को देखते हुए जानकारों ने अनुमान लगाया है कि लॉकडाउन के चलते 120 अरब डॉलर या करीब 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा, जो जीडीपी के 4 फीसदी के बराबर है। ब्रिटेन की ब्रोक्रेज Barclays ने कहा है कि लॉकडाउन की लागत करीब 9 लाख करोड़ रुपये आएगी। साथ ही इसने 2020-21 के लिए भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान 1.7 फीसदी घटा कर 3.5 फीसदी कर दिया है। Barclays के अनुसार आर्थिक पैकेज की घोषणा किये जाने की भी जरूरत है। वैसे पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस महामारी से निपटने के लिए 15000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान भी किया। बता दें कि कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 11 हो गई है, जबकि संक्रमित लोगों की तादाद 500 का आंकड़ा पार कर चुकी है।
आरबीआई कर सकता है बड़ी कटौती
आरबीआई वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपनी पहली मौद्रिक नीति की समीक्षा का ऐलान 3 अप्रैल को करेगा। इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि आरबीआई रेपो रेट में बड़ी कटौती कर सकता है। आरबीआई अगले महीने रेपो रेट में 0.65 फीसदी की कटौती कर सकता है। साथ ही इस साल में 1 फीसदी रेट और घटाई जा सकती है। उधर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था की मदद के लिए कुछ उपायों की घोषणा करते हुए आर्थिक सहायता पैकेज का संकेत दिया था
क्या कहती हैं अन्य ब्रोक्रेज फर्म
घरेलू ब्रोक्रेड फर्म Emkay ने अन्य देशों की तुलना में नीति निर्माताओं को तेजी से कार्रवाई करने पर बधाई दी। हालांकि इसने ये भी कहा कि आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए बहुत कुछ नहीं किया गया है। मगर इसके उलट इडेलवाइज ने कहा कि भारत अन्य देशों के मुकाबले कोरोना से मुकाबला करने की तैयारी में पीछड़ रहा है, जो केवल लिक्विडिटी सपोर्ट तक सीमित है।
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