Coronavirus Effect : घट सकता है 50 अरब डॉलर का मैन्युफैक्चरिंग निर्यात
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस दुनिया भर की मुसीबतें बढ़ाता जा रहा है। इस जानलेवा वायरस ने कारोबार, इकोनॉमी, आयात-निर्यात सबको अपनी चपेट में ले लिया है। वायरस के डर की वजह से फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं, जिसका असर एक-एक करके दुनिया भर के विभिन्न सेक्टरों पर पड़ रहा है। इस बीच यूएन के अर्थशास्त्रियों ने घोषणा की है कि अकेले फरवरी में दुनिया भर में मैन्युफैक्चरिंग निर्यात में 50 अरब डॉलर की गिरावट की संभावना है। कोरोनावायरस की वजह से ग्लोबल इकोनॉमी को होने वाले नुकसान की तरफ ध्यान बढ़ रहा है। हाल ही में ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स द्वारा किये गये एक विश्लेषण के अनुसार अगर कोरोनावायरस वैश्विक महामारी में बदला तो दुनिया की इकोनॉमी में 78.79 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ सकती है।
चीन के पीएमआई इंडेक्स में भारी गिरावट
पामेला कोक-हैमिल्टन, जो इंटरनेशनल ट्रेड एंड कमोडिटीज पर UNCTAD के डिवीजन की प्रमुख हैं, ने चीन के पीएमआई (Purchasing Manager's Index) का हवाला देते हुए कहा कि ये 20 अंकों की भारी गिरावट के साथ 37.5 पर आ गया, जो 2004 के बाद इसका सबसे निचला स्तर है। उन्होंने आगे कहा कि इसका सीधा संबंध से निर्यात से है। कुल निर्यात में 2 फीसदी की गिरावट आयी है। ये 2 फीसदी पूरी दुनिया के निर्यात में 50 अरब डॉलर की गिरावट है। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने कहा था कि अगर ये बीमारी सिर्फ एशिया तक सीमित रह जाये तो वैश्विक जीडीपी में 0.5 फीसदी यानी 40,000 करोड़ डॉलर की गिरावट आयेगी।
किस देश के निर्यात में कितनी गिरावट
कोरोनावायरस के कारण सबसे अधिक निर्यात घाटा जिन देशों को हुआ है उनमें यूरोपीय संघ सबसे ऊपर है, जिसे लगभग 15.6 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। वही 5.8 अरब डॉलर के साथ अमेरिका दूसरे, 5.2 अरब डॉलर के साथ जापान तीसरे, 3.8 अरब डॉलर के साथ रिपब्लिक ऑफ कोरिया चौथे, 2.7 अरब डॉलर के साथ ताइवान पांचवे और 2.3 अरब डॉलर के साथ वियतनाम पांचवे नंबर पर है।
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