Coronavirus तबाह कर सकता है 78 लाख करोड़ रुपये से अधिक की इकोनॉमी
नयी दिल्ली। चीन के वुहान से शुरू हुआ जानलेवा कोरोनावायरस कारोबारों को ठप्प करता जा रहा है। हजारों लोगों की जान लेने के साथ-साथ कोरोनावायरस ने कई कारोबारी सेक्टरों को प्रभावित किया है। जो देश चीन से किसी भी तरह का आयात करते हैं वे खासा प्रभावित हो रहे हैं। इनमें भारत प्रमुख देशों में है। भारत में इलेक्ट्रिक, ऑटो और मोबाइल आदि के पार्ट्स बड़ी मात्रा में चीन से आयात किये जाते हैं। चीन में फैक्ट्रियां बंद हैं और निर्यात नहीं हो पा रहा है, जिससे भारत में इन पार्ट्स की कमी हो रही है और ऑटो सेक्टर प्रभावित होना शुरू हो चुका है। साथ ही मोबाइलों की कीमतें बढ़नी शुरू हो गयी हैं। अब कोरोनावायरस का असर किसी देश और कारोबारी सेक्टर के बाद दुनिया की इकोनॉमी को प्रभावित करना शुरू कर चुका है।
ग्लोबल इकोनॉमी को बड़ा झटका
कोरोनावायरस के कारण दुनिया की इकोनॉमी में 1.1 लाख करोड़ डॉलर या 78.79 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ सकती है। ये पूरी दुनिया की इकोनॉमी का 1.1 फीसदी होगा। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के विश्लेषण के अनुसार अगर कोरोनावायरस एक वैश्विक महामारी में बदला तो दुनिया की इकोनॉमी में 78.79 लाख करोड़ रुपये की कमी आ सकती है। वहीं अगर ये बीमारी सिर्फ एशिया तक सीमित रह जाये तो वैश्विक जीडीपी में 0.5 फीसदी यानी 40,000 करोड़ डॉलर की गिरावट आयेगी। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने 2020 में वैश्विक आर्थिक विकास दर के 2.3 प्रतिशत तक फिसलने का अनुमान लगाया है, जो 2009 के बाद सबसे कमजोर है।
अभी तक महामारी घोषित नहीं
डब्ल्यूएचओ ने कोरोनावायरस को "अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल" घोषित कर दिया है, लेकिन इसे अभी तक महामारी नहीं कहा है। आखिरी आधिकारिक महामारी 2009 में H1N1 फ्लू थी। कोरोनावायरस के कारण केवल चीन में 2700 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, जबकि 80000 से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं। चीन के अलावा साउथ कोरिया, जापान और ईरान में भी इससे संक्रमित लोग हैं। इस वायरस से चीन की जीडीपी ग्रोथ पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के मुताबिक चीन की 2020 की पहली तिमाही की विकास दर 3.8 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है।
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