Corona Effect : आईटी सेक्टर में भी जा सकती है नौकरियां
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन चल रहा है। इससे करोड़ों लोगों के सामने रोजगार का संकट आ गया है। इस बीच नैसकॉम (Nasscom) के पूर्व अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने कहा है कि अगर ल़ॉकडाउन लंबा चला तो इससे आईटी सेक्टर में भी लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। उनके मुताबिक लाखों लोग बेरोजगार हो सकते हैं। मगर साथ ही चंद्रशेखर घर से काम करने को एक बेहतर विकल्प भी बताया है। इस समय आईटी सेक्टर में करीब 45 लाख काम करते हैं। बता दें कि कोरोनावायरस के कारण अधिकतर कंपनियों ने अपने ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे दी है। वर्क फ्रॉम होम से कंपनियों और कर्मचारियों दोनों का काम चल रहा है।
कुछ महीनों में दिखेगा असर
चंद्रशेखर कहते हैं कि अगर लॉकडाउन एक निश्चित समय या 2-3 महीने तक चला तो इससे आईटी कंपनियां दबाव में आने लगेंगी। पूर्व नौकरशाह ने ये भी कहा कि वर्तमान स्थिति बिगड़ने पर वेंचर पूंजीपतियों द्वारा लगाए गए फंड पर बचे रहने वाले स्टार्टअप्स को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। उस स्थिति में कंपनियां कर्मचारियों की सैलेरी भी रोक सकती हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां वास्तव में दो कारणों से नौकरियों में कटौती नहीं करेंगी। एक यह कि वे अपने कर्मचारियों को खोना नहीं चाहती और उनके पास भुगतान करने के लिए पैसे हैं।
निर्यात सेक्टर पर भी खतरा
इससे पहले फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) ने सरकार को बताया है कि तेजी से फैलती कोरोनावायरस महामारी के कारण लॉकडाउन के बीच भारत के निर्यात सेक्टर लगभग 1.5 लोग बेरोजगार हो सकते हैं। निर्यात सेक्टर को ऑर्डर रद्द होने के कारण दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते सेक्टर की तरफ से सरकार से एक आर्थिक पैकेज जारी करने का अनुरोध किया गया है। फआईईओ के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ के मुताबिक निर्यात सेक्टर में 50 प्रतिशत तक ऑर्डर रद्द होने से इस क्षेत्र में एनपीए बढ़ सकते हैं।
लॉकडाउन के कारण इकोनॉमी को भी अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है। हाल ही में एक रेटिंग एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि कोरोवायरस के कारण 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था को लगभग 100 अरब डॉलर का नुकसान होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया कि शटडाउन से रोज की लागत 4.5 अरब डॉलर से अधिक हो सकती है।
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