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Coal Crisis : और गहराया संकट, कुछ राज्यों में शुरू हुई बिजली कटौती

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नई दिल्ली, अक्टूबर 12। भारत का ऊर्जा संकट गहराता जा रहा है। कोयले के स्टॉक की कमी के कारण सप्ताहांत में उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान और केरल तक में बिजली कटौती हुई। वहीं राजस्थान में शहरी क्षेत्रों में दो घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में चार घंटे तक बिजली कटौती की गयी। राजस्थान को कोल इंडिया लिमिटेड से अपने अनुबंधित कोयले की आधे से भी कम मात्रा प्राप्त हो रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पंजाब और झारखंड समेत अन्य राज्यों में भी बिजली की किल्लत देखने को मिली।

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महाराष्ट्र की हालत खराब

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आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में शुक्रवार को 11 गीगावाट बिजली की कमी रही। कोयले की कमी सहित कई अन्य कारणों से राज्य में बिजली आपूर्ति बाधित हुई। 11 गीगावाट राज्य की बिजली सप्लाई का 35 फीसदी है। कोयले की कमी, जिससे भारत में लगभग 70 फीसदी बिजली बनती है, जनरेटर और कुछ औद्योगिक उपयोगकर्ताओं को बिजली एक्सचेंज में बिजली खरीदने के लिए मजबूर कर रही है।

कितनी पहुंची बिजली की कीमत

कितनी पहुंची बिजली की कीमत

इंडियन एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड पर बिजली की हाजिर कीमतें पिछले दो हफ्तों में तीन गुना से अधिक हो गई हैं, जो सोमवार को 16.42 रुपये प्रति किलोवाट घंटे तक पहुंच गई हैं। कंपनी के मुताबिक यह 12 साल में सबसे ज्यादा है। बता दें कि इस समय अधिक बड़े स्तर पर ब्लैकआउट की आशंका है, जिससे आर्थिक ग्रोथ को नुकसान पहुंच सकता है और अस्पतालों और स्कूलों सहित सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर बेकार हो सकते हैं।

एल्यूमीनियम स्मेल्टर और स्टील मिल्स के लिए दिक्कत

एल्यूमीनियम स्मेल्टर और स्टील मिल्स के लिए दिक्कत

बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति में प्राथमिकता दी जा रही है ताकि बिजली कटौती से बचा जा सके। मगर एल्यूमीनियम स्मेल्टर और स्टील मिलों सहित अन्य कोयला उपभोक्ताओं के पास उत्पादन कम करने या ईंधन के लिए अधिक भुगतान करने के दो विकल्प रह गए हैं। इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते शनिवार को एक ट्वीट कर राजधानी में संभावित बिजली संकट की चेतावनी दी थी।

क्या हैं इसका कारण

क्या हैं इसका कारण

बिजली संकट कई महीनों से चल रहा है। इसकी कई वजह हैं। पहली वजह है कोरोना की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी। इससे बिजली की मांग तेजी से बढ़ी। अगस्त-सितंबर 2019 के मुकाबले इस साल के समान महीनों में बिजली की मांग 17 फीसदी बढ़ी। दूसरी तरफ ग्लोबल लेवल पर कोयला 40 फीसदी महंगा हुआ। तीसरा भारत के कोयला आयात में कमी आई। भारत में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार है, मगर फिर भी भारत कोयला आयात के मामले में दूसरे नंबर पर है।

कोल इंडिया का उत्पादन

कोल इंडिया का उत्पादन

कोल इंडिया लिमिटेड ने कहा कि पिछले चार दिनों में इसका उत्पादन बढ़ कर 15 लाख टन प्रतिदिन हो गया है, जो सितंबर के अंत में 14 लाख टन था। एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी को बिजली उत्पादकों को प्रतिदिन लगभग 16 लाख टन कोयले की आपूर्ति करने की आवश्यकता है और एक सप्ताह के भीतर उस स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। एक अधिकारी के अनुसार कुछ पॉकेट्स में दिक्कत है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में बिजली की कमी बढ़ी, मगर ये राष्ट्रीय स्तर पर 1 फीसदी से कम है।

English summary

Coal Crisis deepens power cuts started in some states

Spot electricity prices on the Indian Energy Exchange Ltd have more than tripled in the past two weeks, reaching Rs 16.42 per kilowatt hour on Monday.
Story first published: Tuesday, October 12, 2021, 13:05 [IST]
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