For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

Co-Operative Banks : RBI का डंडा होगा सख्त, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

|

नयी दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में कई सहकारी बैंकों (Co-Operative Banks) में फाइनेंशियल गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। इन गड़बड़ियों के कारण आरबीआई को कार्रवाई करनी पड़ी, जिसमें बैंकों पर लगाए गए कई तरह के प्रतिबंध शामिल हैं। हालांकि इन प्रतिबंधों से बैंकों के ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी कड़ी में बैंकों में जमाकर्ताओं के पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बैंकिंग नियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश से संशोधन बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 में संशोधन हुआ है और ये अधिनियम अब सहकारी बैंकों के लिए भी लागू होगा। बता दें कि बाकी कमर्शियल बैंक आरबीआई की निगरानी में पहले से हैं। मगर अब इस नए अध्यादेश से सहकारी बैंक भी आरबीआई की सीधे निगरानी में होंगे। अब आरबीआई सहकारी बैंकों के कामकाज की निगरानी, बैंकिंग नियमन आदि के जरिए ग्राहकों के हितों की रक्षा कर सकेगा।

किस पर पड़ेगा असर

किस पर पड़ेगा असर

नए अध्यादेश से सहकारी बैंक के ग्राहकों को फायदा मिलेगा। उनका पैसा इन बैकों में सुरक्षित है इस बात की गारंटी बढ़ेगी। हालांकि ये संशोधन राज्य सहकारी कानूनों के तहत सहकारी समितियों के राज्य रजिस्ट्रार की मौजूदा शक्तियों को प्रभावित नहीं करेगा। न ही ये प्राथमिक कृषि साख समितियों (पीएसीएस) या सहकारी समितियों पर लागू होगा, जिनका असल मकसद और मुख्य कारोबार कृषि विकास के लिए लंबी अवधि के लिए फाइनेंस मुहैया करना है। साथ ही वे बैंक, बैंकिंग या बैंकर जैसे शब्द इस्तेमाल नहीं करतीं।

ग्राहकों के हक में होगा बदलाव
 

ग्राहकों के हक में होगा बदलाव

इस अध्यादेश से बैंकिंग विनियमन अधिनियम की धारा 45 में भी संशोधन होगा, जिससे जनता, जमाकर्ताओं और बैंकिंग सिस्टम के हितों की रक्षा के लिए और इसके उचित प्रबंधन के लिए किसी बैंकिंग कंपनी का पुनर्गठन या विलय की योजना बनाई जा सकेगी। यानी जनता और बैंक के हितों के लिए उसका विलय भी किया जा सकेगा और उसका पुनर्गठन (प्रबंधन में बदलाव, हिस्सेदारी बेचना जैसे उपाय) भी किया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस सप्ताह के शुरू में सभी सहकारी बैंकों को आरबीआई के दायरे में लाने का फैसला किया था।

जनता का पैसा सुरक्षित

जनता का पैसा सुरक्षित

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि जमाकर्ता को आश्वस्त किया जाएगा कि उसका पैसा सुरक्षित है। सरकारी बैंकों, जिनमें 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंक शामिल हैं, अब आरबीआई की पर्यवेक्षी शक्तियों के तहत लाए जा रहे हैं। हालाँकि बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 संसद के बजट सत्र में पारित नहीं हो सका, क्योंकि कोरोना महामारी के कारण संसद की कार्यवाही रोकनी पड़ी। नए नियम के अनुसार सहकारी बैंकों में सीईओ की नियुक्ति के लिए अब आरबीआई से मंजूरी आवश्यक होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल यानी 2020 में अब तक आरबीआई 44 बैंकों को निगरानी में ले चुका है। इसके पीछे मुख्य कारण फाइनेंशियल स्थिति में गड़बड़ी और प्रूडेंशियल नियमों का पालन न करना शामिल है। इनमें उन बैंकों के मामलों को भी शामिल किया गया है जिनकी व्यावसायिक गतिविधियों पर आरबीआई ने नए प्रतिबंध लगाए हैं। अप्रैल में आरबीआई ने 9 सहकारी बैंकों पर कार्रवाई की, जबकि मई में 8 संकटग्रस्त सहकारी बैंकों पर कार्रवाई हुई।

PMC Bank : ग्राहकों को मिली राहत, मगर 6 महीने के लिए बढ़े प्रतिबंधPMC Bank : ग्राहकों को मिली राहत, मगर 6 महीने के लिए बढ़े प्रतिबंध

English summary

Co Operative Banks RBI stick will be strict President approved new rules

So far in 2020, RBI has taken 44 banks under surveillance. The main reasons behind this include disturbances in the financial situation and non-adherence to prudential rules.
Story first published: Sunday, June 28, 2020, 16:57 [IST]
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X