गाय के गोबर के दीयों से परेशान है चीन, इस तरह निकाली भड़ास
नयी दिल्ली। त्योहारी सीजन पूरे जोरों पर है और दिवाली में अब एक हफ्ते से भी कम वक्त बचा है। लोग खरीदारी में व्यस्त हैं। मगर इस बार की दिवाली एक मामले में हर बार की दिवाली से अलग है। इस बार चीन के सामानों की मांग बहुत कम है। गलवान घाटी मामले के बाद देश में चीनी सामानों के बॉयकाट का असर साफ दिख रहा है। इस बार की दिवाली एक और मामले में खास होने जा रही है। इस बार दिवाली पर गाय के गोबर से बने करोड़ों दीये जगमगाएंगे। इन दीयों से भी चीन की टेंशन बढ़ी है। चीनी सामानों के बॉयकाट और गोबर से दीयों से बीजिंग को कारोबारी मोर्चे पर काफी तगड़ा झटका लगा है। चीन ने इस पर अपनी खुन्नस भी निकाली है।
क्या कहा चीन ने
भारत में चीनी सामानों के बॉयकाट के कारण बीजिंग टेंशन में है। अपनी भड़ास निकालने के लिए चीन ने ग्लोबल टाइम, जो कि बीजिंग का मुखपत्र है, अखबार में कहा है कि क्या गाय के गोबर के दीयों से दिवाली ज्यादा बढ़िया ढंग से मनेगी। इस मामले पर अखबार में एक लेख लिखा गया है, जिसमें भारत-चीन संबंधों और चीनी सामानों के बॉयकाट का जिक्र किया गया है। लेख में कहा गया है कि भारतीय घरेलू सामानों के लिए अधिक खर्च कर रहे हैं, मगर गरीबों के लिए दिवाली अच्छी नहीं होगी। एक खास बात भी कही गई है कि भारत में चीनी सामानों के खिलाफ चल रहे माहौल से चीनी कारोबारी घाटे में रहेंगे।
चीन को 40,000 करोड़ रु का नुकसान
अखबार में बताया गया है कि भारत के चीनी सामानों के बॉयकाट से बीजिंग को 40,000 करोड़ रु का नुकसान होगा। अखबार के अनुसार चीनी प्रोडक्ट्स की जगह नये जमाने के उत्पाद लाये जाने चाहिए थे, न कि गाय के गोबर से बने दीये। दिवाली भारत का सबसे अहम और बड़ा त्योहार है। अखबार कहता है कि चीन के स्मॉल प्रोड्कट्स की बिक्री में भारत का हिस्सा काफी कम है। ऐसे प्रोडक्ट्स का दिवाली से ज्यादा कारोबार चीन में क्रिसमस पर होता है।
चीन को कैसे हो रहा नुकसान
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में होली-दिवाली पर चीन का बहुत सारा सामान इस्तेमाल होता है। मगर इस बार दिवाली पर गाय के गोबर से बने दीये जलेंगे, जिससे चीन को सीधे नुकसान होगा। दिवाली पर भारत में चीन की लाइटों का बहुत इस्तेमाल होता है, पर इसकी जगह गोबर के दीयों से चीन का कारोबार काफी हद तक घटेगा। चीन ने इससे पहले इन दीयों से प्रदूषण होने की भी बात कही थी।
जलेंगे 33 करोड़ दीये
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) ने इस दिवाली गोबर से बने 33 करोड़ दीये बेचने का टार्गेट रखा था। इस पर चीन ने कहा था कि भारत बिना सोचे मेक इन इंडिया अभियान का विस्तार कर रहा है। बता दें कि आरकेए चीनी सामानों पर निर्भरता कम करना चाहता है। इस दिवाली देश के 1-2 नहीं बल्कि 15 राज्य दीयों के अलावा गोबर के बने कई अन्य प्रोडक्ट भी मिलेंगे बनाएंगे।
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