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भारत में दिवाली पर गोबर के दीये जलने की खबर से झल्लाया चीन, होगा तगड़ा नुकसान

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नयी दिल्ली। चीन के साथ गलवान घाटी में हुए टकराव के बाद से भारत ने बीजिंग को कारोबारी मोर्चे पर कई झटके दिए। टेलीकॉम कंपनियों को चीनी उपकरणों के इस्तेमाल से रोका, कई चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाया और ढेर सारी चीजों के चीन से आयात पर पाबंदी लगाई या नियम कड़े किए। इतना ही नहीं चीन से आने वाले निवेश के नियमों को भी सख्त कर दिया। हाल ही में चीन से एसी के आयात पर भी रोक लगा दी गई। अब चीन को एक और मामले में नुकसान हो रहा है और वो है गाय के गोबर से बने दीये। चीन भारत में बन रहे गाय के गोबर से बने दीयों से काफी परेशान है। बकायदा चीन की तरफ से इस मामले में बयान भी आया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और क्या हो रहा इन दीयों से चीन को नुकसान।

चीन को होगा कारोबारी नुकसान

चीन को होगा कारोबारी नुकसान

असल में भारत में दिवाली पर गाय के गोबर से बने दीये जलेंगे तो इससे चीन को काफी नुकसान होगा। असल में दिवाली पर भारत में घरों के अंदर और बाहर लटकी हुई लाइटें ज्यादातर चीन से आयात की जाती हैं। इन लाइटों के सहारे चीन का कारोबार काफी फलता-फूलता है। मगर गाय के गोबर से बने दीयो से चीन के कारोबार को चोट पहुंचेगी।

कैसे निकाली चीन ने भड़ास

कैसे निकाली चीन ने भड़ास

गोबर के दीयों की खबर पर चीन के अपने अखबार ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि इन दीयों से वायु प्रदूषण होगा। वायु प्रदूषण इसानों के लिए नुकसानदेह है। असल में चीन को एक ही टेंशन है कि इस तरह की चीजों से उसका कारोबार प्रभावित होगा। बता दें कि राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) ने आगामी दिवाली पर गाय के गोबर से तैयार किए गए 33 करोड़ दीये मार्केट में बेचने का टार्गेट रखा है। मगर इस पर चीन का कहना है कि भारत बिना सोचे-समझे मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ा रहा है।

क्या है आरकेए का मकसद

क्या है आरकेए का मकसद

आरकेए का मकसद चीनी सामानों पर निर्भरता कम करना है। गोबर के दीयों से इसमें काफी मदद मिलेगी, क्योंकि दिवाली के समय इस्तेमाल की जानने वाली 90 फीसदी लाइटिंग उपकरण चीन के होते हैं। आरकेए के मुताबिक देश के 1-2 नहीं बल्कि 15 राज्य दीयों के अलावा गोबर के बने कई अन्य प्रोडक्ट बनाएंगे। चीन के प्रोडक्ट भारत में कम हों इसके लिए सरकार कई कदम उठा चुकी है।

क्या है आरकेए

क्या है आरकेए

आरकेए का मकसद गायों का संरक्षण और डेवलपमेंट करना है। ये आयोग मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है। आरकेए की स्थापना 6 फरवरी 2019 को की गई थी थी। बजट 2020 में इसका ऐलान भी किया गया था। बता दें कि गोबर से तैयार 33 करोड़ दीयों मे से 3 लाख दीये अयोध्या में जगमगाएंगे, जबकि 1 लाख दीये पीएम मोदी के सासंदीय क्षेत्र वाराणसी में जलाये जाएंगे।

पीएम मोदी का मंत्र वोकल फॉर लोकल

पीएम मोदी का मंत्र वोकल फॉर लोकल

गाय के गोबर से तैयार हो रहे इन दीयों के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से दिया गया वोकल फॉर लोकल मंत्र एक खास वजह है। दीयों को प्रमोट करने के पीछे देश में तैयार हुई चीजों को आगे बढ़ाना है।

आ गई गाय के गोबर से बनी स्पेशल Chip, रेडिएशन कम करने में होगी मददगारआ गई गाय के गोबर से बनी स्पेशल Chip, रेडिएशन कम करने में होगी मददगार

English summary

China shaken by news of cow dung diya on this Diwali in India will be a big loss

The vocal mantra given by Prime Minister Narendra Modi is a special reason behind these diyas being prepared from cow dung. Behind the promotion of Diyas is to carry forward the things prepared in the country.
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