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China ने चुपके से किया बजाज फिनांस में निवेश, जानिए पूरा खेल

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नयी दिल्ली। फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी और प्राइवेट सेक्टर के बैंक आईसीआईसीआई बैंक के बाद पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने अब भारत की सबसे बड़ी एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) में से एक बजाज फिनांस में निवेश किया है। एचडीएफसी में चीनी केंद्रीय बैंक के निवेश ने फाइनेंशियल बाजार में हंगामा मचा दिया था। सीमा पर झड़प और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध के बीच पिछले महीने पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने आईसीआईसीआई बैंक में निवेश किया था। राहुल बजाज की फाइनेंशियल सर्विस कंपनी में चीनी बैंक द्वारा किया गया निवेश 1.0 प्रतिशत से कम है। इसलिए स्टॉक एक्सचेंजों के पास दायर कंपनी की शेयरहोल्डिंग पैटर्न में इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

निवेश का समय नहीं मालूम

निवेश का समय नहीं मालूम

पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने कब बजाज फिनांस में निवेश किया है उस समय का मालूम नहीं है, लेकिन अगर यह फरवरी और मार्च के अंत के बीच की बात है तो चीनी बैंक ने मौका देखते हुए इस कंपनी में पैसा लगाया, क्योंकि कोरोना प्रभाव के कारण कंपनी के शेयर की कीमत 4,800 रुपये से लगभग 2,200 रुपये तक गिर गई थी। यह चीनी केंद्रीय बैंक द्वारा भारत में किसी फाइनेंस सर्विस कंपनी में किया गया तीसरा निवेश है। इस साल मार्च में पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने एचडीएफसी में अपनी हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ा ली थी। उस निवेश से चीन और चीनी बैंक की बड़ी हिस्सेदारी पर सवाल उठने लगे थे और मार्केट में हलचल मच गई थी।

चीन से निवेश पर भारत सख्त

चीन से निवेश पर भारत सख्त

चीन विरोधी भावना के बीच सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेश नियमों को कड़ा कर दिया। इसमें भी पड़ोसी देशों से चीनी कनेक्शन के साथ आने वाले निवेश पर ज्यादा सख्त रुख अपनाया गया। किसी भी 'अवसरवादी अधिग्रहण' को रोकने के लिए नियम बनाए गए। एचडीएफसी लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक या बजाज फाइनेंस में चीनी बैंक का निवेश बहुत कम है। ये इतना कम है कि कोई खतरा नहीं है। बैंकिंग क्षेत्र में किसी एक निवेशक के पास 15 प्रतिशत से अधिक का वोटिंग अधिकार नहीं है, जबकि 5 प्रतिशत से अधिक के शेयर अधिग्रहण के लिए आरबीआई की मंजूरी लेना जरूरी है। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने भी इस साल जून में एचडीएफसी में अपनी हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से कम कर दी थी। इस समय भारत में चीनी पोर्टफोलियो निवेश पर कोई रोक नहीं है, लेकिन पिछले छह महीनों में दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए हैं। भारत ने WeChat, shareit, TikTok, PUBG सहित 100 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।

आईसीआईसीआई बैंक में तनाव के बीच निवेश

आईसीआईसीआई बैंक में तनाव के बीच निवेश

वास्तव में दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव है और आईसीआईसीआई बैंक में ऐसे समय में ही निवेश किया गया। पिछले महीने आईसीआईसीआई बैंक की 15,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की कवायद में चीनी केंद्रीय बैंक एक सफल निवेशक के रूप में उभरा। चीनी बैंक ने योग्य संस्थागत प्लेसमेंट के तहत बैंक में 15 करोड़ रुपये का निवेश किया। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना उन 357 निवेशकों में शामिल रहा जिन्होंने बैंक के इश्यू को सब्सक्राइब किया। इसके अलावा घरेलू म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियां और वैश्विक कंपनियों ने बैंक में पैसा लगाया। इनमें प्रमुख निवेशक सिंगापुर सरकार, मॉर्गन इनवेस्टमेंट और सोसाइटी जनरल रहे।

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English summary

China secretly invested in Bajaj Finance know the whole game

After HDFC and private sector bank ICICI Bank, People's Bank of China has now invested in Bajaj Finance, one of India's largest NBFCs (non-banking finance company).
Story first published: Monday, September 21, 2020, 17:09 [IST]
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