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खराब रिश्तों के बावजूद चीन फिर से बना भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार

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नयी दिल्ली। आपसी रिश्ता बिगड़ने के बावजूद 2020 में चीन भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार रहा। 2019 में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार अमेरिका रहा था। जबकि 2017 और 2018 में चीन को ही ये दर्जा हासिल हुआ था। बता दें कि गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प का असर दोनों देशों के बीच होने वाले कारोबार पर भी पड़ा था। भारत ने चीन से आयात पर कई प्रतिबंध लगाए। केंद्र सरकार ने कई नियमों में भी बदलाव किया ताकि चीन पर कारोबारी निर्भरता कम हो। मगर बावजूद इसके कोरोना काल के बीच पिछले साल चीन ही वो देश रहा, जिससे भारत ने सबसे अधिक कारोबार किया।

 

कितना हुआ कारोबार

कितना हुआ कारोबार

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार लंबे समय से आर्थिक और रणनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच दो-तरफा व्यापार पिछले साल 77.7 अरब डॉलर का रहा। हालांकि 2019 में दोनों देशों के बीच हुए 85.5 अरब डॉलर के कारोबार के मुकाबले कम है। मगर ये अमेरिका को भारत के सबसे बड़े कमर्शियल पार्टनर के पद से हटाने के लिए काफी रहा।

अमेरिका के साथ कितना हुआ कारोबार
 

अमेरिका के साथ कितना हुआ कारोबार

2020 में भारत और अमेरिका के बीच कुल 75.9 अरब डॉलर का कारोबार हुआ। बता दें कि बीते सालों में अमेरिका और चीन के भारत के पहले और दूसरे कारोबारी साझेदार रहे हैं। वहीं तीसरे स्थान पर यूएई रहा है। 2020 में भी यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी पार्टनर रहा। चीन के साथ भारत के कारोबार में अहम चीज है मशीनों का आयात। इसीलिए इतने प्रतिबंधों के बावजूद बीजिंग भारत के साथ इतना कारोबार करने में कामयाब रहा।

किन चीजों में भारत है चीन पर निर्भर

किन चीजों में भारत है चीन पर निर्भर

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सैकड़ों चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया और पड़ोसी देश से निवेश की मंजूरी को धीमा कर दिया। ये सब हिमालयी सीमा पर संघर्ष के बाद हुआ। इसी दौरान पीएम मोदी ने आत्मनिर्भरता का आह्वान किया। मगर इन सबके बावजूद भारत की चीन निर्मित भारी मशीनरी, दूरसंचार उपकरण और घरेलू सामानों पर निर्भरता बरकरार है।

कितना रहा व्यापार अंतर

कितना रहा व्यापार अंतर

2020 में भारत का चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार अंतर लगभग 40 अरब डॉलर रहा। ये किसी भी देश के साथ भारत का सबसे अधिक व्यापार अंतर है। भारत ने चीन से पिछले साल करीब 58.7 अरब डॉलर का आयात किया, जो अमेरिका और यूएई के संयुक्त आयात से भी अधिक है। हालांकि भारत ने चीन से आयात कम किया है। साथ ही चीन को किए गए निर्यात में 11 फीसदी की बढ़त भी दर्ज की। भारत ने पिछले साल चीन को कुल 19 अरब डॉलर का निर्यात किया।

भारत बढ़ा रहा मैन्युफैक्चरिंग

भारत बढ़ा रहा मैन्युफैक्चरिंग

चीन के साथ तनाव के बीच भारत मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम की शुरुआत की है। जहां तक चीन के साथ कारोबारी तौर पर दूरी बनाने का सवाल है तो जानकार कहते हैं कि अभी इसके लिए भारत को एक लंबा रास्ता तय करना है। प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम विभिन्न सेक्टरों में कैपेसिटी बढ़ाने में 4-5 साल का समय लेगी।

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English summary

China again becomes largest trading partner of India despite poor relations

Total business between India and the US was $ 75.9 billion in 2020. Let us know that in the past years, America and China have been India's first and second trading partners. UAE has been placed at the third place.
Story first published: Tuesday, February 23, 2021, 19:07 [IST]
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