शनिवार को जानिए सोने-चांदी की नई कीमत
कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने के लिए 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। देश भर के सर्राफा बाजार 4 चरणों के इस लॉकडाउन में बंद हैं इसके बावजूद सोने-चांदी की कीमतों ने नए रिकॉर्ड स्थापित किए।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने के लिए 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। देश भर के सर्राफा बाजार 4 चरणों के इस लॉकडाउन में बंद हैं इसके बावजूद सोने-चांदी की कीमतों ने नए रिकॉर्ड स्थापित किए। बता दें लॉकडाउन-3 में अधिकतर सपाट चाल चलने वाला सोना 15 मई को ऑलटाइम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। 24 कैरेट सोने कीमत 47067 रुपए प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंचा। इससे पहले तीन लॉकडाउन में सोना 3885 रुपये प्रति दस ग्राम उछला। वहीं चौथे लॉकडाउन में सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
अगर लॉकडाउन के दौरान सोने-चांदी की कीमतों के बारे में बात करें तो पहली बार चौथे लॉकडाउन में सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। तीसरे की तुलना में सोना 932 रुपये सस्ता हुआ और 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव इस लॉकडाउन के अंतिम कारोबारी दिवस 29 मई शुक्रवार को 46929 रुपये पर आ गया। हालांकि इस दौरान तीन बार 47000 के ऊपर रहा। 18 मई को 47861रुपये, 20 मई को 47260 और 22 मई को सोना 47100 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बिका। 25 मार्च से 14 अप्रैल के बीच पहले लॉकडाउन में 24 कैरेट सोना 2610 रुपये उछला। वहीं दूसरे लॉकडाउन ( 15 अप्रैल से 3 मई) के बीच केवल 121 रुपये की हुई बढ़त हुई। तीसरे लॉकडाउन (3 मई से 17 मई) मे सोना एक नया इतिहास रचते हुए 47067 रुपये के अबतक के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गया। इस दौरान सोने की कीमत में कुल 1154 रुपये का इजाफा हुआ।
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लॉकडाउन के दौरान कई रिकॉर्ड बने और टूटे
पहली बार सोना 9 अप्रैल को 45201 रुपये के नए शिखर पर पहुंच गया। चार दिन बाद यह रिकॉर्ड टूट गया और 13 अप्रैल को सोना पहुंच गया 46034 रुपये प्रति दस ग्राम पर। सोने ने इस दिन ऑल टाइम नया कीर्तिमान स्थापित किया, लेकिन 15 अप्रैल को यह भी ध्वस्त हो गया। सोना 46534 रुपये प्रति 10 ग्राम के एक और नए शिखर पर पहुंच गया। यह भी रिकॉर्ड अगले ही दिन 16 अप्रैल को टूट गया और 10 ग्राम गोल्ड की कीमत हो गई 46928 रुपये। इसके बाद 15 मई को सोना 47067 रुपये पर पहुंचकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। दुनियाभर में केंद्रीय बैंकों की ओर से नीतिगत दरों में कटौती जो इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था गहरी मंदी में है और सोना सुरक्षित निवेश के विकल्प के तौर पर जाना जाता है। शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच निवेशकों का रुझान भी सोने में बढ़ा है, जिससे मांग को बल मिला है । गोल्ड ईटीएफ की ओर से की जा रही भारी खरीदारी इसका सीधा संकेत है।
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