कोरोना इफेक्ट : 1 साल तक कोई नई योजना नहीं, सिर्फ आत्मनिर्भर अभियान पर फोकस
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद लागू लॉकडाउन के चलते सरकार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। ऐसे मे सरकार ने तय किया है कि वह चालू वित्तीय वर्ष कोई नई स्कीम लांच नहीं करेगी। वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी मंत्रालय के ऐसे आवेदन पर विचार नहीं कर पाएगा। वैसे यह रोक उन योजनाओं पर हैं, जो स्वीकृत या मूल्यांकन श्रेणी में हैं। यह आदेश उन योजनाओं पर भी लागू होगा जिनके लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सैद्धांतिक अनुमोदन दे दिया है।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया, 'कोरोना महामारी के मद्देनजर सार्वजनिक वित्तीय संसाधनों पर अभूतपूर्व मांग है और बदलती प्राथमिकताओं के साथ संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है। इस आदेश में कहा गया, 'स्थायी वित्त समिति प्रस्तावों (500 करोड़ रुपये से ऊपर की योजना) सहित वित्तीय वर्ष 2020-21 में पहले से ही स्वीकृत या अनुमोदित नई योजनाओं की शुरुआत 1 वर्ष तक निलंबित रहेगी।
हालांकि, आत्मनिर्भर भारत और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं पर कोई रोक नहीं रहेगी। सरकार की ओर से जारी आदेश में साफतौर पर कहा गया है कि विभिन्न मंत्रालय नई योजनाओं की शुरुआत न करें। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना या आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत घोषित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करें। सरकार ने हाल ही में कोरोनवायरस के खिलाफ 20 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया था। यह पैकेज देश की जीडीपी का करीब 10 फीसदी है।
कोरोना संकट के कारण वित्त मंत्रालय ने यह अहम फैसला लिया है, क्योंकि सरकार के पास राजस्व कम आ रहा है। लेखा महानियंत्रक के पास उपलब्ध रिपोर्ट से पता चलता है कि अप्रैल 2020 के दौरान 27,548 करोड़ रुपये राजस्व मिला, जो बजट अनुमान का 1.2 फीसदी रहा है। जबकि सरकार ने 3.07 लाख करोड़ खर्च किया, जो बजट अनुमान का 10 फीसदी था।
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