कोरोना संकट : केन्द्रीय कर्मचारियों का हर महीने 1 दिन का कटेगा वेतन, जानें डिटेल
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों के एक दिन का वेतन काटने का फैसला किया है। कोरोना महामारी के खिलाफ अपने संसाधन बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है। इससे पहले पीएम नरेन्द्र मोदी सहित सभी मंत्रियों और सांसदों का 30 फीसदी वेतन काटने का फैसला हुआ था। इसके बाद राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सहित राज्यों के राज्यापालों ने भी अपना वेतन कटवाने का फैसला किया था। इसी तरह के अन्य फैसलों से सरकार अपने संसाधन बढ़ा रही है, लेकिन प्रयास अभी से नाकाफी लग रहा है। ऐसे में मोदी सरकार ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के 1 दिन का वेतन काटने का फैसला किया है। वेतन में यह कटौती अप्रैल 2020 से ही लागू की जाएगी।
क्यों पड़ रही है सरकार को ज्यादा फंड की जरूरत
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां लगभग रुक गईं हैं। इसी कारण सरकार को बड़े पैमाने पर फंड की जरूरत है, जिससे वह महामारी के खिलाफ लड़ाई जारी रख सके। साथ ही करोड़ों लोग जो दिहाड़ी वेतन से कमाते हैं, उनकी मदद कर सके।
जानिए कब तक कटेगा यह पैसा और कहां जमा होगा
अप्रैल 2020 के वेतन से शुरू होने वाली यह कटौती पूरे साल चलेगी। यानी मार्च 2021 तक केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन से एक दिन की कटौती होती रहेगी। वेतन से कटौत के बाद यह पैसा प्रधानमंत्री सीटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड (पीएम केयर्स फंड) में भेजा जाएगा। राजस्व विभाग ने इस संबंध में एक सर्रकुलर जारी कर दिया है। इसमें आग्रह किया गया है कि विभाग के अफसरों और कर्मचारी मार्च 2021 तक हर महीने अपनी 1 दिन की सैलरी को पीएम केयर्स फंड में दान करें।
आपत्ति है तो नहीं कटेगा वेतन
जी हां अगर कोई कर्मचारी नहीं चाहता है कि उसके वेतन से 1 दिन की सैलरी कटे और यह पीएम केयर्स फंड में जमा हो, तो वह इसके लिए मना कर सकता है। सर्रकुलर में कहा गया है कि अगर कोई अफसर या कर्मचारी को इससे आपत्ति है, तो वह इसकी सूचना राजस्व विभाग के ड्रॉइंग एंड डिस्बर्सिंग ऑफिसर को इस बारे में सूचित कर सकते हैं। उन्हें 20 अप्रैल 2020 तक यह बात लिखित में अपने इंप्लॉय कोड का उल्लेख करते हुए बताना होगी। सर्कुलर के अनुसार दूसरे विभागों के कर्मचारी (उन्हें छोड़कर जो एक्टिव तौर पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शामिल हैं), उन्हें भी अपनी 1 दिन की सैलरी का योगदान फंड में करना पड़ सकता है।
डीए मिलने पर भी संशय
1 दिन की सैलरी में कटौती के अलावा केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को हाल ही में महंगाई भत्ते और डियरनेस रिलीफ में की गई बढ़ोतरी को भी कुछ समय के लिए छोड़ना पड़ सकता है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सूत्रों ने बताया है कि केंद्र डीए और डीआर में बढ़ोतरी को स्थगित करने पर विचार कर रहा है।
हाल ही में बढ़ा था डीए
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 मार्च 2020 को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। यह सातवें वेतन आयोग के सुझावों के आधार पर फॉर्मूले के मुताबिक की गई थी। डीए के साथ पेंशनधारकों के लिए डीआर को 4 फीसदी बढ़ाने का फैसला हुआ था। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को डीए और डीआर की बढ़ी हुई राशि का फायदा 1 जनवरी 2020 की तारीख के मुताबिक मिलना था, लेकिन हो सकता है कि उन्हें इसके लिए अब इंतजार करना पड़े।