Flight Ticket : मनचाहा पैसा वसूल सकेंगी एयरलाइंस, सरकार ने हटाई ये लिमिट
नई दिल्ली, अगस्त 11। 31 अगस्त के बाद भारतीय एयरलाइंस कंपनियां अपने हिसाब से किराया तय करने के लिए स्वतंत्र होंगी। केन्द्र की मोदी सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान हवाई किराये के लिए जो सीमा तय कि थी, उसे सरकार ने अब समाप्त कर दिया है। सरकार का कहना है कि यह फैसला यात्रियों और एयरलाइन कंपनियों के हित में है।
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नुकसान में चल रही थी कंपनिया
एयरलाइंस के किराए की सीमा तय करने के बाद एयरलाइन कंपनियों ने कई बार बड़े नुकसान की रिपोर्ट की थी। अब कोरोना के समय लगाए गए अपर और लोअर लिमिट को सरकार ने हटा दिया है। अब कंपनिया अपने हिसाब से हवाई किराये का निर्णय ले सकेंगी। कंपनियों का कहना है कि सरकार ने किराया सुनिश्चित करने की ऊपरी और निचली दोनों सीमाएं हटा दी हैं। अब एयरलाइन कंपनिया यात्रियों की मात्रा में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए टिकटों में छूट दे सकती हैं।
जानकारों की प्रतिक्रिया
सरीन एंड कंपनी के संचालन प्रमुख विनमरा लोंगानी ने मिडीया को बताया कि "वह सरकार के इस फैसले को यात्रियों के लिए सकारात्मक रुप से देखते हैं। क्योंकि यात्रियों की संख्या बढ़ने से किराए में कमी आनी चाहिए।" विमानन विशेषज्ञ परवेज दमानिया कहना है कि "मुझे लगता है कि यह उपभोक्ताओं के साथ-साथ एयरलाइंस के लिए भी एक लाभदायक कदम है।"
ईधन की मांग को देखते हुए लिया गया है फैसला
सरकार ने कहा कि एयर टर्बाइन ईंधन की दैनिक मांग और कीमतों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने के बाद हवाई किराया कैप हटाने का निर्णय लिया गया है। स्थिरीकरण शुरू हो गया है और हमें यकीन है कि यह क्षेत्र निकट भविष्य में घरेलू यातायात में वृद्धि के लिए तैयार है।
सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिधिंया ने ट्वीट कर कहा "हवाई किराए की सीमा को हटाने का निर्णय दैनिक मांग और एयर टर्बाइन ईंधन की कीमतों के सावधानीपूर्वक विश्लेषण के बाद लिया गया है। स्थिरीकरण शुरू हो गया है और हमें आशा हैं कि एविशन क्षेत्र निकट भविष्य में घरेलू यातायात में वृद्धि के लिए तैयार है।"
सरकार ने लिमिट तय किया था
कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने एयरलाइन टीकट को लेकर एक दुर्लभ कदम उठाया था। हवाई यात्रा पर कोरोना प्रतिबंधों में ढील से उत्पन्न होने वाली मांग के कारण टिकट की कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए उड़ान की अवधि के आधार पर न्यूनतम और अधिकतम बैंड लगाकर सरकार ने किराए को विनियमित किया था।