केंद्र सरकार ने लॉन्च किया 6 लाख करोड़ रु का नेशनल मोनेटाइजेशन प्लान, जानिए डिटेल
नई दिल्ली, अगस्त 23। सरकार ने सोमवार को रेल, सड़क से बिजली तक के सेक्टरों में इंफ्रास्ट्रक्चर की एसेट्स के मुद्रीकरण/मोनेटाइजेशन के लिए 6 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (नेशनल मोनेटाइजेशन प्लान) की घोषणा की। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि अगले चार वर्षों में एसेट्स के मुद्रीकरण के लिए परियोजनाओं की पहचान की गई है। 2021-22 के केंद्रीय बजट में, वित्त मंत्री ने संपत्ति मुद्रीकरण के संबंध में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं और इस बात पर जोर दिया था कि सरकार पैसा जुटाने के लिए नये तरीके देख रही है।
क्या है नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन
आज नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लॉन्च किया गया। इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नेशनल मोटेनाइजेशन पाइपलाइन ब्राउनफील्ड एसेट्स के बारे में बात करता है जहां निवेश पहले से ही किया जा रहा है, जहां ऐसी संपत्तियां हैं जो या तो खराब हैं या पूरी तरह से मोनेटाइज नहीं हुईं या फिर उनका कम उपयोग हुआ है।
ऐसी संपत्तियों को किया जाएगा मोनेटाइज
वित्त मंत्री के मुताबिक निजी भागीदारी लाकर हम इसे (संपत्तियों) का बेहतर मुद्रीकरण करने जा रहे हैं और मुद्रीकरण से जो भी संसाधन मिले, उसे नये इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में निवेश किया जा सकता है। उन्होंने एक बात साफ कि और कहा कि जिनके मन में यह सवाल है क्या हम ये जमीन बेच रहे हैं? नहीं, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन ब्राउनफील्ड संपत्तियों के बारे में बात कर रहा है जिन्हें बेहतर मुद्रीकृत करने की आवश्यकता है।
सरकार रहेगी मालिक
वित्त मंत्री ने कहा कि संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास रहेगा। उन्हें (निजी क्षेत्र के भागीदारों को) एक निश्चित समय के बाद इसे वापस देना होगा। यह सरकार बुनियादी ढांचे सहित निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इन्फ्रास्ट्रक्चर का बहुत बड़ा गुणक प्रभाव होता है। राजीव कुमार, उपाध्यक्ष, नीति आयोग ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट के लिए प्राइवेट कैपिटल जुटाने की दिशा में यह अगला कदम है।
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कौन-कौन से मंत्रालय हैं शामिल
वित्त मंत्रालय की तरफ से दी गयी जानकारी के अनुसार सड़क, परिवहन और राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन और प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन, शिपिंग बंदरगाह और जलमार्ग, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, खनन, कोयला और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन में शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक यह महत्वपूर्ण है कि भारत यह समझे कि हमारी संपत्ति का अधिकतम लाभ उठाने का समय आ गया है।